
मसूरी। उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद घना भाई का निधन 11 फरवरी 2025 को हुआ। उनके निधन से राज्य में शोक की लहर है। मसूरी में विभिन्न संगठनों के लोग मसूरी के शहीद स्थल पर एकत्रित हुए और स्वर्गीय घना भाई के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित का श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर लोगों ने घनानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी सरलता, मृदुता और अद्वितीय अभिनय शैली ने लोगों को न केवल हंसाया, बल्कि जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को एक अलग दृष्टिकोण से देखने का नजरिया दिया। उत्तराखंड के फिल्म जगत और अभिनय के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
घनानंद का जन्म 1953 में गढ़वाल मंडल में हुआ था। उन्होंने 1970 के दशक की शुरुआत में रामलीला में बतौर हास्य कलाकार के रूप में काम करना शुरू किया। धीरे-धीरे उनकी पॉपुलैरिटी बढ़ी और उन्होंने कई म्यूजिक एल्बम और उत्तराखंड में बनने वाली फिल्मों में अभिनय किया। उनकी प्रमुख फिल्मों में घन्ना गिरगिट, ब्वारी हो त यनि, सतमंगल्या, यमराज, घन्ना भाई एमबीबीएस और जीतू बगड़वाल शामिल हैं।
उनके निधन पर उत्तराखंड के कलाकारों ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि घनानंद धना भाई जैसे कोई हास्य सम्राट ना पहले हुआ है ना आगे हो पायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के बडे लोक गायकों को बनाने में घना भाई का बड़ा हाथ रहा है। उनके अचानक चले जाने से पूरे उत्तराखंड को बडा आघात पहुंचा है।