
रिपोर्टर- सुनील सोनकर
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, भारत के प्रखर राष्ट्रवादी नेता और राम मंदिर आंदोलन के नायक कल्याण सिंह जी की पुण्यतिथि पर मसूरी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मंडल द्वारा एक भावभीनी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मसूरी के ऐतिहासिक तिलक मेमोरियल लाइब्रेरी प्रांगण में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत कल्याण सिंह जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। माहौल भावुक था, जब कार्यकर्ताओं ने ष्कल्याण सिंह अमर रहें के नारों के साथ उन्हें याद किया। वरिष्ठ भाजपा नेता मदन मोहन शर्मा और विजय रामोला ने मंच से अपने उद्बोधन में कल्याण सिंह से जुड़ीं कई अप्रकाशित और व्यक्तिगत यादें साझा कीं, जिनमें मसूरी से उनका गहरा जुड़ाव प्रमुख था। उन्होने बताया कि कल्याण सिंह जी के पोते की शिक्षा मसूरी में हुई, जिसके चलते वे स्वयं भी मसूरी अकसर आते रहते थे। यहां की वादियों, सादगी और लोगों से उनका आत्मीय संबंध था। विजय रामोला ने कहा, वे जब भी मसूरी आते थे, बिल्कुल आम नागरिक की तरह रहते थे। बिना किसी दिखावे के, शांत, सरल और देश सेवा के विचारों से ओतप्रोत।
उन्होने कल्याण सिंह के राजनीतिक योगदान को भी रेखांकित किया, विशेषकर राम मंदिर आंदोलन में उनके ऐतिहासिक निर्णय को। उन्होंने कहा कि जब सत्ता और सिद्धांतों में टकराव हुआ, तो कल्याण सिंह ने सिद्धांतों को चुना। उन्होंने बाबरी ढांचे को गिराए जाने के समय मुख्यमंत्री पद का बलिदान देकर अपने आदर्शों को सर्वोपरि रखा। यह वह निर्णय था जिसने उन्हें हिंदुत्व की राजनीति का स्थायी स्तंभ बना दिया। वरिष्ठ नेता मदन मोहन शर्मा ने कहा, कल्याण सिंह जी ने सिर्फ राजनीति नहीं की, उन्होंने राष्ट्र निर्माण में भागीदारी निभाई। वे राम मंदिर के लिए जिए, और निर्माण कार्य शुरू कराकर ही चैन की साँस ली। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कल्याण सिंह के साधारण जीवन और असाधारण कार्यों की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि एक किसान परिवार से निकलकर, बिना राजनीतिक विरासत के, कल्याण सिंह ने एक लंबा संघर्ष किया और जन नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। वे सदैव सच्चाई, ईमानदारी और राष्ट्रवाद के मार्ग पर चले।
मसूरी भाजपा मंडल अध्यक्ष राजत अग्रवाल ने कहा कि कल्याण सिंह जी के विचारों और जीवनदर्शन को युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक बताया। उन्होंने कहा, ष्आज जब राजनीति में मूल्यों का संकट है, ऐसे में कल्याण सिंह जी जैसे नेताओं के आदर्श हमें फिर से रास्ता दिखाते हैं। हम सभी को उनके बताए रास्ते पर चलना चाहिए। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम् और भारत माता की जय के नारों के साथ किया गया। सभी ने संकल्प लिया कि वे कल्याण सिंह के सपनों का भारत बनाने के लिए कार्य करते रहेंगे।