रिपोर्टर- सुनील सोनकर
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती वर्ष पर मसूरी के माल रोड स्थित शहीद स्थल पर पर्वतीय-मैदानी एकता मंच ने राज्य आंदोलनकारियों का सम्मान समारोह आयोजित किया। समारोह में आंदोलन में बलिदान देने वाले शहीदों को नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की गई और सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि शहीदों के अधूरे सपनों का उत्तराखंड बनाना हमारा साझा कर्तव्य है।
मंच की महासचिव लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन में पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों के लोगों ने मिलकर संघर्ष किया और आज कुछ लोग प्रदेश को बाँटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि जन-एकता सबसे बड़ी शक्ति है और अब समय है कि हम उसी भावना के साथ राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाएं। उन्होंने महिलाओं, युवाओं और किसानों के संघर्ष को राज्य निर्माण की नींव बताया और कहा कि सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ एकजुट होना होगा। उपाध्यक्ष अनीता तिवारी ने महिलाओं की अद्वितीय भूमिका और राज्य में विकास की प्रगति के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं की कमी पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम केवल मसूरी तक सीमित नहीं है; प्रदेश के अन्य जिलों में भी आंदोलनकारियों का सम्मान किया जा रहा है और बुद्धिजीवियों के साथ परिचर्चा आयोजित की जा रही है। मंच ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड का भविष्य हमारी एकता में
सुरक्षित है और राज्य के विकास में हर नागरिक की सक्रिय भूमिका आवश्यक है।



