
दीप मैठाणी NIU ✍️नई दिल्ली
हिंदुस्तान के क्रांति कारी आंदोलन की शुरुवात देश के दिल यानी की दिल्ली से हो चुकी है, ये क्रान्ति कारी आंदोलन अपने आप में बेहद अलग है, बिना किसी राजनिति से प्रेरित इस आंदोलन में सिर्फ और सिर्फ आम जनमानस से जुड़े सबसे जरूरी और मूलभूत मुद्दे को उठाया जा रहा है,
जी हां हम बात कर रहें हैं, आम जनमानस की आर्थिकी से जुड़े विषय रोजगार की.
ये हिंदुस्तान का पहला ऐसा आंदोलन होने जा रहा है जिसमें सिर्फ प्रतैक भारतीय नागरिक के लिए वोट के बदले रोजगार की मांग की जा रही है,
इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहें है सोशल एक्टिविस्ट प्रवीण काशी, जोकि बनारस के रहने वाले है और देश भर में उपजे कई प्राकार के सामाजिक व् ज्वलंत मुद्दों पर कई बार अग्रणी भूमिका निभा चुके है।।
बात की जाए कोरोना काल में घर लौट रहे मजदूरों के लिए बसों व् ट्रेनों के लिए आवाज उठाने की,
या फिर ऐम्स ऋषिकेश द्वारा इलाज में बढ़ाई गई 15 गुणा दरों के फैसले को वापस करवाने की, जनहित के जुड़े हर मामले में ये सोशल एक्टिविस्ट साशन प्रशासन से लोहा लेता रहा है, इसी क्रम में कई सालों के अथक प्रयासों के बाद अब सोशल एक्टिविस्ट प्रवीण काशी देश में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी के खिलाफ एक नए आंदोलन को खड़ा कर रहें है, इस आंदोलन में प्रवीण काशी रोजगार कानून की मांग करते हुए , Ek Vote Par Ek Rozgar दिए जाने की मांग कर रहें है, दिल्ली के जेजे कलोनी स्थित भलस्वा में अयोजित हुए इस कार्यकर्म में सैकड़ों की तादाद में स्थानीय मजदूरों ने प्रतिभाग किया साथ ही आर्थिकी से पीड़ित कई महिलाएं भी इस कार्यकर्म में भारी तादाद में शामिल हुईं, और अपनी पीड़ा Ek Vote Par Ek Rozgar के इस मंच पर रखी, मुख्य अथिति के रूप में इस कार्यकर्म में जाने माने वरिष्ठ अर्थशास्त्री प्रोफ़ेसर अरुण कुमार शामिल हुए उन्होंने कार्यकर्म में जनमानस को संबोधित करते हुए कहा की अगर सरकार चाहे तो रोजगार कानून बनाने में कोई समस्या नही है, बस जरूरत है की सरकार ने जैसे शिक्षा का कानून, राशन का कानून, सूचना का अधिकार जैसे कानून बनाए हैं तो सरकार रोजगार कानून को भी अमलीजामा पहना सकती है मगर जरूरत है सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति की इसके लिए आम जनमानस को आगे आकर आंदोलन कर सरकार को जगाना होगा, Ek Vote Par Ek Rozgar एक ऐसा ही आंदोलन है जिसमें रोजगार कानून की मांग हेतु सभी को आगे आना होगा…
Ek Vote Par Ek Rozgar के इस आंदोलन के शुरुआती कार्यक्रम में सोशल एक्टिविस्ट प्रवीण काशी द्वारा तमाम राजनीतिक दलों के लोगों को आमंत्रित किया गया था परंतु भाजपा व आम आदमी पार्टी के तरफ से कोई भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ कई समाजसेवी जरूर किस कार्यकर्म में शामिल हुए, वही इस कार्यक्रम में कांग्रेस प्रतिनिधि के तौर में पूर्व सांसद डॉ उदित राज शामिल हुए उन्होंने भी इस रोजगार कानून को आज के समय की जरूरत बताया और कहा कि लोगों को बढ़-चढ़कर इस आंदोलन में भाग लेकर अपने लिए रोजगार कानून की मांग करनी चाहिए, रोजगार कानून से ही हमारे भावी पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है,
वहीं इस आंदोलन की शुरुवात करने वाले सोशल ऐक्टिविस्ट प्रवीण काशी ने मीडिया को बताया की रोजगार कानून आज की जरूरत है, और अब वो जमाना नही रह गया है की घर में एक आदमी कमाए और पूरा परिवार खाए बल्कि आज समस्त सदस्यों को कमाने की जरुरत है ताकी उनकी जरूरतें पूरी हो सके, साथ ही कहा की जब सरकार वोट सभी से लेती है तो रोजगार सभी को क्यों नहीं देती? आखिर कब तक देश में ये भेदभाव चलता रहेगा आखिर कब कम पढ़े लिखे लोगो को भी उनकी योग्यता के आधार पर गारंटी के साथ रोजगार दिया जाएगा? साथ ही उन्होंने दावा किया की उनका ये आंदोलन अब शुरू हो चुका है जिसे देश के विभिन्न राज्यों में आयोजित कर हर जनमानस को रोजगार कानून के प्रति जागरूक किया जाएगा….
सरकार अगर अपने मन से इस कानून को नही बनाएगी तो सरकार को आंदोलन के माध्यम से मजबूर कर कानून बनवाया जाएगा…..इस कार्यकर्म के सफल आयोजन हेतु महिला शक्ति ने अहम योगदान दिया..
आप भी सुनिए क्या कुछ कहा रोजगार कानून के लिए आंदोलन छेड़ने वाले सोशल एक्टिविस्ट प्रवीण काशी ने….