
देहरादून NIU ✍️ पर्वतीय कृषक कृषि बागवानी एवं उद्यमी संगठन की बैठक उत्तराखंड राज्य के सभी मिशन एप्पल एवं मिशन कीवी से पीड़ित किसानों और सेवा प्रदाताओं की उपस्थिति में सम्पन्न हुई। बैठक में यह तथ्य सामने आया कि जिन कृषकों ने वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में मिशन एप्पल योजना के अंतर्गत सेब के बगीचे तथा मिशन कीवी योजना के अंतर्गत कीवी के बगीचे लगाए, उन्हें आज तक सरकार द्वारा वादा की गई राज्य सहायता की 80% धनराशि प्रदान नहीं की गई है।
योजना की स्वीकृति के समय सरकार ने किसानों से 20% कृषक अंश जमा करवाया था, किंतु चार वर्ष बीत जाने के उपरांत भी शेष 80% राज्य अंश न तो किसानों को दिया गया और न ही सेवा प्रदाताओं को उनके बकाए का भुगतान किया गया। इस कारण आज किसान और सेवा प्रदाता दोनों भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं।
योजना में सरकार ने 80% अनुदान देने का वादा किया था, जिसके आधार पर किसानों ने ₹1,20,000 से लेकर ₹12,00,000 तक की लागत से अपने बगीचे स्थापित किए। अधिकांश किसानों ने यह कार्य या तो ऋण लेकर या सेवा प्रदाताओं को विश्वास में लेकर किया, यह सोचकर कि जब राज्यांश मिलेगा तो वे कर्जमुक्त हो जाएंगे। परंतु चार वर्ष बीत जाने के उपरांत भी न तो भुगतान हुआ और न ही सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई की गई। वहीं दूसरी ओर समाचार पत्रों और मीडिया में मिशन एप्पल एवं मिशन कीवी की सफलता के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, जबकि वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है।

संगठन ने पूर्व में तीन बार माननीय उद्यान मंत्री श्री गणेश जोशी जी, मुख्यमंत्री जी, मुख्य सचिव जी एवं सचिव कृषि से मिलकर यह मुद्दा उठाया, किंतु हर बार केवल झूठे आश्वासन ही प्राप्त हुए।
वर्तमान में अधिकारीगण इस मामले को CBI जांच के नाम पर टाल रहे हैं, जबकि CBI जांच तो “मुख्यमंत्री एकीकृत कृषि विकास योजना” से संबंधित थी और उसका मिशन एप्पल या मिशन कीवी से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। फिर भी इस नाम पर किसानों के बकाया भुगतान को अनावश्यक रूप से रोका जा रहा है।
यदि सरकार अब भी इन दोनों योजनाओं के अंतर्गत लंबित धनराशि का शीघ्र भुगतान नहीं करती है, तो संगठन किसानों के हित में राज्यव्यापी आंदोलन प्रारंभ करने के लिए बाध्य होगा।