
थत्यूड (टिहरी गढ़वाल) NIU ✍️ जौनपुर क्षेत्र के थत्यूड में पौराणिक परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने के उद्देश्य से आयोजित वार्षिक रामलीला का भव्य शुभारंभ ग्राम प्रधान मेनका सजवाण ने किया। यह रामलीला धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक समिति थत्यूड के तत्वावधान में आयोजित की जा रही है, जिसका उद्घाटन मेनका सजवाण ने परंपरागत रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

रामलीला के प्रथम दिवस का मंचन भावनात्मक और भव्य दोनों रहा। मंचन की शुरुआत श्रवण कुमार लीला से हुई, जिसमें मातृ-पितृ भक्त श्रवण कुमार अपने नेत्रहीन माता-पिता को तीर्थयात्रा के लिए कंधों पर बिठाकर निकलते हैं। उसी समय अयोध्या नरेश दशरथ का बाण गलती से श्रवण कुमार को लग जाता है, जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है। इस दृश्य के दौरान श्रवण कुमार के माता-पिता की करुण पुकार और दशरथ को दिए गए श्राप ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। दर्शक दीर्घा में बैठे लोग इस प्रसंग से गहराई से जुड़ते दिखाई दिए।

इसके पश्चात रावण तप लीला का मंचन हुआ, जिसमें रावण, कुंभकरण और विभीषण ब्रह्मा जी की तपस्या करते हैं। तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी रावण को अजयत्व का, कुंभकरण को छह माह की निद्रा और छह माह की जागृति का, तथा विभीषण को श्रीराम भक्ति का वरदान प्रदान करते हैं। रावण की गर्वोक्ति और विभीषण की विनम्रता ने इस प्रसंग को अत्यंत प्रभावशाली बनाया।

तीसरे चरण में प्रस्तुत कैलाश लीला ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। इस प्रसंग में नारद मुनि के उकसावे पर रावण हिमालय पहुंचकर कैलाश पर्वत को अपनी लंका में स्थापित करने का प्रयास करता है, परंतु भगवान शंकर अपने पादांगुष्ठ के हल्के स्पर्श मात्र से रावण के अभिमान को चूर्ण कर देते हैं। भगवान शंकर और माता पार्वती के इस दिव्य दर्शन ने पूरे वातावरण को धार्मिक भावनाओं से परिपूर्ण कर दिया।
★रामलीला के मंचन में स्थानीय कलाकारों ने अपने शानदार अभिनय से सबका मन मोह लिया।
★श्रवण कुमार की भूमिका कौस्तुक असवाल ने निभाई।महाराज दशरथ की भूमिका मुनिम प्रधान ने उत्कृष्ट रूप से प्रस्तुत की।
★रावण की भूमिका संदीप शाह ने प्रभावशाली ढंग से निभाई।सुमंत की भूमिका दीपक सकलानी ने, जबकि माता पार्वती की भूमिका केशव गौड़ ने निभाई।
★संगीत निर्देशन संदीप पंवार और मनोज भट्ट ने किया, जिनके भक्ति गीतों और संगीत से पूरा वातावरण राममय हो उठा।
इस पौराणिक रामलीला का सीधा प्रसारण एस. सजवाण प्रोडक्शन डिजिटल नेटवर्क के फेसबुक पेज पर भी किया जा रहा है, जिससे देश-विदेश के श्रद्धालु ऑनलाइन जुड़कर इस पौराणिक परंपरा के साक्षी बन रहे हैं। इस अवसर पर व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष दीपक सजवाण, रामलीला समिति के अध्यक्ष गजेन्द्र असवाल, राम प्रकाश भट्ट, मुनिम प्रधान, हरिलाल, हरिश नौटियाल, शिवांश सजवाण सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
मंच संचालन प्रसिद्ध कलाकार सुनील सजवाण ने किया, जिन्होंने अपने प्रभावी संवाद और हास्य-रस से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। थत्यूड की यह रामलीला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति, कला और जनसहभागिता का जीवंत उदाहरण भी है, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी इस परंपरा को जीवित रखे हुए है।