
एलडीपी की नेता ने बहुमत से हासिल की जीत, संसद में 237 वोट मिले
टोक्यो। जापान की राजनीति में मंगलवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ, जब संसद ने अति-रूढ़िवादी नेता साने ताकाइची को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री चुना गया। 64 वर्षीय ताकाइची ने ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ (एलडीपी) की ओर से बहुमत हासिल कर पूर्व प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा की जगह ली। संसद के निचले सदन में हुए मतदान में ताकाइची को 237 वोट मिले, जो 465 सदस्यीय सदन में स्पष्ट बहुमत है।
प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद ताकाइची ने अपने पहले संबोधन में कहा,
“मैं अपने वादे निभाऊंगी, और जापान के पुनर्निर्माण के लिए घोड़े की तरह काम करूंगी। मैं वर्क-लाइफ बैलेंस की बात नहीं करूंगी — मैं बस काम करूंगी, काम करूंगी और काम करूंगी।”
उन्होंने पार्टी के सभी सदस्यों से एकजुट होकर देश को मजबूत बनाने का आह्वान किया और कहा कि “यह खुशी का नहीं, जिम्मेदारी का क्षण है।”
‘आयरन लेडी’ कहलाने वाली साने ताकाइची
राजनीति में तीन दशक से अधिक का अनुभव रखने वाली ताकाइची को जापान की ‘आयरन लेडी’ कहा जाता है। वह आर्थिक सुरक्षा मंत्री समेत कई अहम पद संभाल चुकी हैं। कट्टर विचारों के कारण उन्हें कभी ‘लेडी ट्रंप’ कहा गया, तो पूर्व प्रधानमंत्री किशिदा ने उन्हें मज़ाक में ‘तालिबान ताकाइची’ तक कह दिया था। ताकाइची रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने, सैन्य खर्च बढ़ाने, साइबर सुरक्षा और आव्रजन पर सख्त नीति की समर्थक हैं।
टीवी एंकर से प्रधानमंत्री तक का सफर
साने ताकाइची का जन्म 7 मार्च 1961 को जापान के नारा प्रांत में हुआ। पिता टोयोटा कंपनी में कार्यरत थे और मां पुलिस अधिकारी थीं। पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच उन्होंने कोबे विश्वविद्यालय से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की और बाद में टीवी एंकरिंग भी की।
1984 में उन्होंने मात्सुशिता इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नमेंट एंड मैनेजमेंट में दाखिला लिया, जहाँ से उन्हें एक प्रोग्राम के तहत वॉशिंगटन डीसी भेजा गया। वहां उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस सदस्य पैट श्रोएडर के साथ काम किया और उस अनुभव पर किताब भी लिखी।
शिंजो आबे की शिष्या, एलडीपी की पहली महिला अध्यक्ष
अमेरिका से लौटने के बाद ताकाइची ने राजनीति में कदम रखा। 1993 में पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सांसद बनीं और तीन साल बाद एलडीपी से जुड़ गईं।
पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ काम करते हुए उन्होंने राजनीति की बारीकियां सीखीं। 2021 और 2024 में पार्टी अध्यक्ष का चुनाव हारने के बाद, इस बार उन्होंने कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी को हराकर जीत दर्ज की।
आज वह एलडीपी की पहली महिला अध्यक्ष और जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बन चुकी हैं — जो किसी राजनीतिक खानदान से नहीं आतीं।
ड्रम बजाने और कार चलाने की शौकीन पीएम
राजनीति से इतर ताकाइची का व्यक्तित्व बेहद दिलचस्प है। उन्हें ड्रम बजाने, मोटरसाइकिल चलाने, और स्कूबा डाइविंग का शौक है। वह जापानी रॉक संगीत की फैन हैं और हनशिन टाइगर्स बेसबॉल टीम की समर्थक भी।
विचारों में कट्टरता, जीवन में अनुशासन
ताकाइची महिला सशक्तिकरण की पक्षधर हैं, लेकिन परंपरा पर अडिग रहती हैं। वह समलैंगिक विवाह और शादी के बाद अलग उपनाम रखने की प्रथा का विरोध करती हैं, जबकि शाही परिवार में पुरुष उत्तराधिकार की समर्थक हैं।
निजी जीवन भी चर्चा में रहा
ताकाइची ने 2004 में सांसद ताकू यामामोतो से विवाह किया था। दोनों का 2017 में तलाक हो गया, लेकिन 2021 में दोबारा शादी की। उनके कोई जैविक संतान नहीं है, पर उन्होंने यामामोतो की पहली शादी के बच्चों को अपनाया है।
अतीत में विवाद भी झेले
2011 में ताकाइची की एक फोटो ने विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें वे एक अतिवादी दल के नेता के साथ दिखीं। बाद में उन्होंने सफाई दी कि उस वक्त उन्हें उस व्यक्ति के विचारों की जानकारी नहीं थी।
साने ताकाइची ने किसे हराया?
प्रधानमंत्री पद के लिए हुए मुकाबले में ताकाइची ने कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी, मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी, व्यापार मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी, और आर्थिक मंत्री ताकायुकी कोबायाशी को पछाड़ा। उनकी यह जीत जापान की राजनीति में महिलाओं के लिए एक नई शुरुआत मानी जा रही है।