
दीप मैठाणी ✍️NIU
उत्तराखंड राज्य निर्माण में अहम भागीदारी निभाने वाले व् उत्तराखंड के एकमात्र क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल के दिन आजकल गर्दिशों के चल रहें है, और इसका बड़ा कारण है इस दल के बागी. इन बागियों ने पूर्व में अपने दल के अध्यक्ष काशी सिंह एरी के काले चिट्ठे तक खोलने की धमकी सार्वजनिक दी थी, ऐसा तब हुआ था जब इन्हें पार्टी से निष्कासित गया था, परंतु अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए सोशल मीडिया पर यह लोग अपने अध्यक्ष के लिए दोगला संबोधन कर रहे हैं, और वीडियो जारी कर उनके दोगला होने के प्रमाण भी दे रहे हैं, हमारी इस खबर में आप देख सकते हैं उत्तराखंड क्रांति दल की बागी नेता प्रमिला रावत के सोशल मीडिया अकाउंट का स्क्रीनशॉट जिसमें वह अपने अध्यक्ष को दोगला लिख रही हैं।

साथ ही हमारे पास एक वीडियो भी आया है जिस वीडियो में प्रमिला रावत द्वारा कहा जा रहा है कि उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी को कुछ लोग ब्लैकमेल कर रहे हैं, क्योंकि उनका वीडियो स्टिंग किया गया है, अब बड़ा सवाल है कि अगर किसी ने किया है तो वह व्यक्ति कौन है? उसका नाम क्यों नहीं लिया जा रहा है? और आखिर उस वीडियो में ऐसा क्या है जिससे उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी डरे हुए हैं? सवाल यह भी है कि क्या उस वीडियो में कोई लेन-देन का मामला है? या फिर उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी कोई अश्लील हरकत कर रहे हैं? जिस के डर से उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष ब्लैकमेल हो रहे हैं,
उक्त वीडियो में काशी सिंह ऐरी को ब्लैकमेल किए जाने के दावे किए गए हैं, मगर कौन कर रहा है यह बात स्पष्ट रूप से नहीं कही गई है, राजनीतिक गलियारों में अब चर्चे हो रहे हैं कि आखिर उस वीडियो में ऐसा क्या है?
वहीं बड़ी बात यह भी है कि प्रमिला रावत जो खुद अपने अध्यक्ष के काले चिट्ठे खोलने का दावा करतीं थी आज पार्टी के अध्यक्ष काशी सिंह को पार्टी में आए नए लोगों द्वारा ब्लैकमेल किए जाने का दावा कर रहीं हैं,
यहां यह बात साफ नजर आती है कि गर्त में जा चुकी इस पार्टी में गनीमत से आए चंद लोगों से पुराने लोग चिड़े हुए हैं, और इन्हें पार्टी से निकालने की तमाम कोशिशें कर रहे हैं, यहां तक कि इसके लिए वह पार्टी के दो फाड़ तक करने के लिए आतुर बैठे हुए हैं,
इसकी बानगी तब मिली जब यूकेडी द्वारा अपना द्विवार्षिक अधिवेशन गैरसैंण में होना तय किया गया था परंतु बावजूद इसके इन बागियों द्वारा प्रेस कांफ्रेंस कर मसूरी में इसका आयोजन होना तय कर दिया गया, गजब की बात यह भी है कि यह सब कारनामा निष्कासित लोगों द्वारा किया गया है, जिसके चलते पार्टी ने गैरसैंण में होने वाले अपने अधिवेशन को रद्द कर स्थगित तक कर दिया है, ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इस पार्टी में पार्टी के अंदर मौजूद नेता बड़े हैं या पार्टी से निष्कासित किए गए बागी?

बरहाल जो भी हो इससे यह बात तो सार्वजनिक हो रही है कि ये दल अब सिर्फ दलदल बनकर रह गया है, जहां उत्तराखंड को बचाने के नाम पर तमाम छूटभैया अपना हित साध रहे हैं, और उत्तराखंड के सपनों को बलि चढ़ा रहें हैं।