
नैनीताल में टूटे आठ साल पुराने बारिश के रिकॉर्ड
हल्द्वानी। कुमाऊं क्षेत्र में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। पहाड़ी क्षेत्रों में मलबा गिरने से कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जबकि मैदानी इलाकों में उफान पर आई नदियाँ और नाले लोगों के लिए खतरा बन गए हैं। राज्यभर में करीब 152 सड़कों पर आवागमन बाधित है।
बनबसा में शारदा नदी का जलस्तर एक लाख क्यूसेक से अधिक होने के कारण बैराज में चारपहिया वाहनों का संचालन दो दिन से बंद है। नदी का जलस्तर घटकर एक लाख क्यूसेक के नीचे जाने पर ही आवाजाही फिर से शुरू हो सकेगी।
नैनीताल में इस जनवरी में अब तक 2000 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जो पिछले आठ साल का रिकॉर्ड तोड़ने वाली है। हल्द्वानी में गौला नदी के तेज बहाव के कारण नदी पुल के नीचे चेकडैम अपनी जगह छोड़ चुके हैं।
प्रदेश के देहरादून, चंपावत, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। चंपावत और नैनीताल में बुधवार को कक्षा एक से 12 तक के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहने की घोषणा की गई है।
पिथौरागढ़ जिले की ऊंची चोटियों पर इस सर्दी का पहला हिमपात भी दर्ज किया गया। व्यास, दारमा और मल्ला जोहार की चोटियां बर्फ से ढक गईं। चार दिन पहले पिथौरागढ़ में तापमान 28 डिग्री सेल्सियस था, जो मंगलवार को गिरकर 21 डिग्री तक आ गया।