
दीप मैठाणी NIU ✍️
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव चरम पर हैं और आज नामांकन प्रक्रिया भी अंतिम चरण में हैं प्रदेश के कई युवाओं और महिलाओं ने इन चुनावों में बढ़चढकर नामांकन प्रपत्र दाखिल किए हैं जिससे पंचायत स्तर पर एक बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
परंतु वहीं कुछ प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो चालाकी दिखाकर दूसरों के हकों पर सेंधमारी करने का कार्य स्थानीय लोगों व् प्रशासनिक इकाई की आंखों में धूल झोंक कर, कर रहें हैं।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है सहसपुर विधानसभा के झाझरा से जहां पूर्व में वर्ष प्रधान रह चुके अर्जुन कुमार ने दोबारा प्रधान पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। परंतु हैरानी की बात है कि यह महाशय धर्म से कन्वर्टेड “ईसाई” हैं और बावजूद इसके चुनाव अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई सीट से लड़ रहे हैं। जबकि ये नियमाविरुद्ध है, अर्जुन कुमार “गॉड ऑफ ग्लोरी” नामक चर्च का संचालन झाझरा क्षेत्र में करतें हैं, कोविड काल में चर्च में भीड़ इक्कठा करने व् धर्मांतरण को बढ़ावा देने के आरोप में इनपर प्रेमनगर थाने में मुकदमा भी पंजीकृत हुआ था लेकिन फिर भी अर्जुन कुमार एससी आरक्षित सीट से चुनाव लड़ रहें है? 👇

पढ़िए नियम क्या कहतें हैं….क्या कोई ईसाई पंचायत चुनावों में आरक्षण का लाभ उठा कर एस-सी सीट से चुनाव लड़ सकता है?
जवाब है: नहीं,
क्योंकि वर्तमान भारतीय कानून के अनुसार, ईसाई धर्म अपनाने वाले अनुसूचित जाति (SC) के लोग अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित लाभ, जैसे सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण, या फिर राजनीतिक आरक्षण का दावा नहीं कर सकते। संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 के अनुसार, अनुसूचित जाति का दर्जा केवल हिंदू, सिख, और बौद्ध धर्म के अनुयायियों को ही दिया जाता है।

बावजूद इसके अर्जुन कुमार न सिर्फ खुद झाझरा से प्रधान का चुनाव लड़ रहे हैं बल्कि उनके भाई अरुण कुमार की धर्मपत्नी अनीता भी जिला पंचायत सुद्धोवाला से दावेदारी ठोक रहीं हैं,
वहीं अर्जुन कुमार पर धर्मांतरण के कई गंभीर आरोप पूर्व में लग चुके हैं उन पर आरोप है कि उन्होंने करीब 27 परिवारों का लालच देकर धर्मांतरण किया और उन्हें झाझरा स्थित गॉड ऑफ ग्लोरी चर्च के समीप ही बसाया बकायदा इसके लिए मसीह कालोनी की अस्थाई रूपरेखा भी तैयार की गई,
ऐसे में उनका चुनाव लड़ना और साथ ही जिला पंचायत पर अपने भाई की बहू को चुनाव लड़वाना बड़े सवाल खड़े कर रहा है। स्थानीय सूत्रों कि मानें तो अगर यह दोनों अपने अपने पदों पर काबिज होते हैं तो खुलेआम धर्मांतरण की कार्यवाही को अंजाम दिए जाने की आशंका बनी हुई है।

अनीता मैसी ने पोस्टर पर नाम लिखा सिर्फ “श्रीमती अनीता…”
इसको लेकर अब हिंदूवादी संगठनों ने भी कड़ी आपत्ति जताने की बात कही है उनका कहना है कि सहसपुर ब्लॉक में रिटर्निंग अधिकारी से मिलकर उन्हें यथा स्थिति से अवगत कराते हुए अर्जुन कुमार का नामांकन रद्द करवाने की मांग की जाएगी।।