
मसूरी। मसूरी में ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा मसूरी सनातन धर्म इंटर कॉलेज में छात्रों के जगारूकता षिविर का आयोजन किष्या गया जिसमें सीवील जज षमषाद अली द्वारा छात्रों को महिलाओं के अधिकार और महिला प्रतिकर 2020 के साथ मोटर वहीकल एक्ट के बारे में जानाकरी दी। उन्होने कहा कि उच्च न्यायालय के दिषा निर्देशो के बाद उत्तराखंड के विभिन्न मुख्यलायो में विधिक जागरूकता षिविर का आयोजन कर लोगो और छात्रों को विभिन्न कानून के बारे में जानकारी दी जाती है। उन्होने कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली के तत्वाधान में उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून ने किया। इस कार्यक्रम भारतीय दण्ड संहिता में वर्णित महिलाओं के विरूद्ध अपराध से सम्बंधित प्रावधान, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, पोक्सों अधिनियम, 2012 के अन्तर्गत मीडिया के दायित्व, गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम, 1971 के प्रावधानों एवं उक्त अधिनियम के सम्बंध में मा० उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेशों दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 में महिलाओं के अधिकार, बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधान, माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 के प्रावधान एवं ” महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों के साथ-साथ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के अर्न्तगत महिलाओं के अधिकार के सम्बंध में जानकारी दी जाती है।
शिविर में उपस्थित विद्यार्थियों को साइबर क्राइम, गुड टच, बैड टच, पोक्सो एक्ट, बाल विवाह निषेध अधिनियम, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर-1098, नालसा, सालसा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्य, अधिकार मित्र की भूमिका, निशुल्क कानूनी सहायता की प्रक्रिया, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विधिक सेवा योजना, 2015, साइबर उत्पीड़न, साइबर बदमाशी, नारकोटिक्स कंट्रोल सूचना केंद्र, हेल्पलाइन नंबर 1933, पोश एक्ट, नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100, एलएसएमएस, एलएआईएस, एलजीबीटी आदि के बारे में जानकारी दी गई। शिविर का समापन नालसा थीम गीत एक मुट्ठी आसमान बजाकर किया गया। उन्होने कहा कि इस प्रकार के शिविरों के आयोजन से समाज में कानून व नई योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ती है।