
सड़कें टूटीं, दीवारों में आईं दरारें, मकानों पर खतरा मंडराया, प्रशासन अलर्ट मोड पर
रिपोर्टर- सुनील सोनकर
पहाड़ों की रानी मसूरी में बीते कुछ दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार बारिश के कारण कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, दीवारों में गहरी दरारें आ गईं और कई मकानों पर खतरा मंडराने लगा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम मसूरी कुमकुम जोशी ने प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ लंढौर बाजार रोड के ‘सिंकिंग ज़ोन’ का निरीक्षण किया। यह इलाका भूस्खलन के चलते लगातार धंस रहा है और यहाँ की इमारतों की दीवारों तथा सड़कों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं। एसडीएम कुमकुम जोशी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से बातचीत की और भवन मालिकों को निर्देश दिया कि वे तीन दिनों के भीतर सभी किरायेदारों को मकान खाली करवा दें, ताकि किसी जानमाल के नुकसान से बचा जा सके।
निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने हैप्पी वैली क्षेत्र में एक बड़े पेड़ के गिरने की घटना का भी जायजा लिया। पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई थी। उन्होंने वन विभाग को तत्काल पेड़ हटाने और बिजली विभाग को जल्द से जल्द बिजली बहाल करने के निर्देश दिए।
एसडीएम ने मोतीलाल नेहरू मार्ग पर हुए भूस्खलन और सड़क बंद होने की स्थिति का भी निरीक्षण किया। भारी बारिश के कारण वहां चट्टानें और मलबा सड़क पर आ गया था, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने और सड़क को शीघ्र साफ कर चालू करने के सख्त निर्देश दिए।
एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि प्रशासन ने पहले ही भूस्खलन और आपदा संभावित क्षेत्रों को चिन्हित करने के आदेश सभी अधीनस्थ अधिकारियों को दे दिए थे। इसका मकसद यह है कि किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत कार्रवाई कर प्रभावितों को राहत पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन और सरकार पूरी तरह तैयार हैं। मसूरी में आपदा नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सक्रिय है, और अधिकारी लगातार निगरानी बनाए हुए हैं। उन्होने लोगों से अनुरोध है कि अफवाहों से बचें, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अगर किसी क्षेत्र में खतरे के संकेत दिखाई दें, तो तुरंत सूचना दें। हम हर संभव मदद को तत्पर हैं।