
थत्यूड़, जौनपुर, दीप मैठाणी ✍️ NIU
थत्यूड़ बाज़ार से थोड़ा आगे पापरा तिराहे पर स्थित पापरा खेल मैदान स्थानीय लोगों के लिए सदैव मददगार साबित हुआ है, कोई सामाजिक कार्य हो या राजनीतिक सभी ने इसका जमकर लाभ उठाया यहां तक की देश के वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह भी 2022 विधानसभा के चुनावी प्रचार के समय इस खेल मैदान पर रैली कर चुके हैं, परंतु बावजूद इसके यह खेल मैदान आज अपने बदहाली के आंसू रो रहा है,

वहीं इस खेल मैदान में अब आगामी ग्रीष्मकालीन समय में क्रिकेट महाकुंभ होने का दावा किया जा रहा है परंतु इसके हालात देखकर लगता नहीं की यह संभव हो पाएगा। इसकी प्रमुख वजह है मैदान में जाने वाला रास्ता जो कि बेहद ही क्षत-विक्षत स्थिति में पड़ा हुआ है, और इसका जिम्मेदार ठहराया गया है कुकरेती गैस एजेंसी को, गैस एजेंसी पर आरोप लगाया गया है कि इस एजेंसी ने चुनाव समाप्त होने के बाद इस खेल मैदान को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग को जेसीबी लगाकर खोद डाला जिससे मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है परंतु अब कोई इस मार्ग की सुध नही ले रहा है। जिसके चलते इस बार का ग्रीष्मकालीन क्रिकेट महाकुंभ के न होने के आसार नजर आ रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुकरेती गैस एजेंसी द्वारा किए गए इस अवैध खुदाई के कार्य की शिकायत खंड विकास कार्यालय को की गई जिसके बाद इसकी जांच सहायक विकास पंचायत अधिकारी द्वारा की गई और जांच में पाया गया कि गैस एजेंसी के द्वारा अवैध तरीके से सड़क को खोदा गया है, इसके बाद खंड विकास कार्यालय द्वारा इसकी शिकायत जिला प्रशासन से भी की गई परंतु बावजूद इसके अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कठोर कार्यवाही इसपर नहीं की गई है,

यहां तक की थत्यूड़ थानाध्यक्ष को इस सड़क की दुर्दशा से संबंधित ज्ञापन थत्यूड़ व्यापार मंडल द्वारा भी सौंपा गया परंतु तब भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

इस खेल मैदान की उपयोगिता व आवश्यकता को इन प्रशस्ति पत्रों के माध्यम से भी समझा जा सकता है यह प्रशस्ति प्रमाण पत्र टैक्सी यूनियन, व्यापार मंडल व स्वयं थाना अध्यक्ष द्वारा ग्राम पापड़ा के निवासी देवेंद्र प्रसाद चमोली को सौंपे गए हैं।।



अब ग्राम पंचायत पापरा के निवासी देवेंद्र प्रसाद चमोली द्वारा आह्वान किया गया है कि अगर शीघ्र इस पर दण्डात्मक कार्यवाही नही होती है तो इसके विरोध में और प्रशासन को जगाने हेतु जन आन्दोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी पूर्ण रूप से प्रशासन की होगी।
गौरतलब है की इस खेल मैदान का कोई विकल्प भी प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है, इसके बिना थत्यूड मे कोई भी सामाजिक या राजनीतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं करवाया जा सकता है बावजूद इसके शासन व प्रशासन इसके प्रति उदासीन बना हुआ है। पाठकों को बता दें कि इस खेल मैदान की संपूर्ण जमीन पापरा गांव के ग्राम निवासियों द्वारा समाज हित में प्रशासन को दी गई थी, तब ग्रामीणों के इस फैसले की समाज में भूरी भूरी प्रशंसा की गई थी, इस जमीन की कीमत करोड़ों रुपए है,

अंत में हम यही कह सकते हैं कि मुफ़्त की चीजों की इस देश में कोई कद्र नहीं होती, इस जमीन को खरीदने में अगर प्रशासन के करोड़ों रुपए लगे होते तो शायद उन्हें इसकी कद्र होती और तब इसका रखरखाव भी बेहतर ढंग से हो पाता।।