
हिमांचल की तर्ज़ पर हो भू-क़ानून की मांग को लेकर लगातार 2016 से संघर्षरत भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान उत्तराखंड ने आज पंडित दिनदयाल पार्क में एक बार पुनः चुनाव उपरान्त हवन व मंत्रणा सभा का आयोजन किया.. इसी स्थान में अभियान ने पहले भू-क़ानून को लेकर 84 दिनों तक अनशन भी किया था और आदर्श आचार संहिता के कारण अनशन को स्थगित करना किया गया हैं.. आज हिमांचल जैसा सख्त भू-क़ानून जल्द लागू हो को लेकर अभियान ने वैदिक मन्त्रोंचार के साथ हवन किया और उसके उपरान्त भू-क़ानून को लेकर अनशन व आंदोलन की आगे की रुपरेखा कैसी होगी उस पर मंत्रणा की.. अभियान ने 2016 से लेकर अभी तक सभी संघर्षों पर बिंदुवार चर्चा की और 95 ब्लाक 110 तहसील 24 लाख परिवार 1.35 करोड़ लोगों तक कैसे भू-क़ानून की बात को पहुंचाया उस पर भी गहन मंत्रणा की.. और ये भी बताया की कैसे सभी मुख्यमंत्रियों को लगातार ज्ञापन देते हुए उनसे बातचीत की राज्य के सभी विधायक मंत्रियों का समय-समय पर बातचीत व इंटरव्यू के साथ जनता को अपने सोशियल मिडिया बताया.. देवभूमि के सभी धामों सहित लोक देविदेवताओं के मंदिरों में अभियान ने 2500 किलोमीटर की यात्रा कर ज्ञापन अर्पित करा.. आज अगर सम्पूर्ण उत्तराखंड में भू-क़ानून की प्रचंड वेग प्रचलित हैं तो उसके पिछे अभियान का निरंतर एकात्मक दूरदृष्टी के साथ अथक संघर्ष व्याप्त हैं.. आज राज्य में जितने भी छोटे बड़े संगठन व पार्टियां हैं सभी अभियान की राज्यहित जनहित में की गयी बातो से प्रभावित होकर ही इस मांग को आगे बढ़ा रहें हैं… अभियान ने कहाँ की बीजेपी कांग्रेस व ukd सहित कई छोटे बड़े राजनैतिक पार्टियों को भी मजबूर होना पड़ा इस मुद्दे को अपने एजेंडे/मेनिफेस्टो में रखने को.. 2022 का चुनाव ही भू-क़ानून के एजेंडे में किया गया हैं.. चुनाव पूर्व धामी सरकार ने इस पर उच्चस्तरीय कमेटी का गठन युही नहीं कर दिया क्योकि उनको मालूम था यह मुद्दा राज्य की आत्मा में रच-बस गया हैं.. अभियान अपने द्वारा किए गये कार्यों का विश्लेषण करते हुए ये नतीजे पर पहुँचा हैं की धामी की 2.0 सरकार ने भू-क़ानून संसोधन समिति की 6 अप्रैल की संपन्न हुई पहली और कुल तीसरी बैठक में अभियान द्वारा दिए गये सुझाव व पूछे गये प्रश्नों पर ही समिति ने अपना ध्यान केंद्रित किया हुआ हैं इसलिए अभियान 21 अप्रैल व उसके बाद शासन व सरकार को रिपोर्ट सौपे जाने तक सरकार को पूरा समय देना चाहती हैं.. और समिति सहित सरकार की मंसा पर अभियान की पैनी नज़र बनी हुई हैं.. राज्यहित नज़रे गढ़ाये रखना अभियान अपना नैतिक कर्तव्य समझता हैं.. अभियान ने अंत में सभी राज्यवासियों का इस लड़ाई में साथ व सहयोग हेतू आभार व्यक्त किया और निवेदन किया की आगे भी राज्यात्मा की एकमात्र मांग हैं भू-क़ानून में युही साथ व सहयोग बनाए रखना…
मंत्रणा सभा में अभियान के पूर्व सहयोगी सभी संगठनों ने सिरकत की.. और महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया…
मंत्रणा सभा में अशोक नेगी पूर्व प्रधान, आनंद सिंह रावत रि. वैज्ञानिक, आचार्य प्रकाश पंत, नथ्थी सिंह राणा, राजेश पेटवाल, सरिता जुयाल उत्तरा पंत बहुगुणा, राधा तिवारी, आनंदी चंद, कमला उप्रेती, कमला नेगी लक्ष्मी मलासी, रामप्यारी ईष्टवाल, उषा कोठरी, सुभागा फर्षवाण, इशिमा रावत, सुबोधनी भट्ट, सुधा बर्थवाल, किरन सुन्द्रियाल, शकुंतला तढियाल, गीता बाग़री,
कृष्णा बिज्लवाण, वंती बहुगुणा एवं के.एस खर्कवाल आदि अनेक लोगों सम्मिलित रहें…