
आज की तेज़-तर्रार जिंदगी में घंटों मोबाइल या लैपटॉप पर बैठना और गलत तरीके से उठना-बैठना रीढ़ की हड्डी की समस्या, यानी स्लिप डिस्क, को जन्म दे सकता है। स्लिप डिस्क तब होती है जब रीढ़ की हड्डी के बीच मौजूद डिस्क अपनी जगह से खिसक जाती है। इसका असर कमर में तेज दर्द, पैरों में सुन्नपन और लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने में कठिनाई के रूप में दिखाई देता है। यदि समय रहते सावधानी न बरती जाए, तो यह समस्या लंबे समय तक जीवन को प्रभावित कर सकती है।
योग के जरिए राहत
हालांकि, नियमित योगाभ्यास स्लिप डिस्क के दर्द और तकलीफ़ को काफी हद तक कम कर सकता है। सही योगासन रीढ़ की लचीलापन बढ़ाते हैं, मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और नसों पर दबाव घटाते हैं।
स्लिप डिस्क के आम लक्षण:
कमर के निचले हिस्से में लगातार दर्द
पैरों में झनझनाहट या कमजोरी
लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने में तकलीफ़
झुकने या वजन उठाने पर दर्द बढ़ना
गर्दन या पीठ में जकड़न
स्लिप डिस्क में लाभदायक योगासन:
भुजंगासन: रीढ़ की हड्डी मजबूत बनाता है और नसों पर दबाव कम करता है।
शलभासन: कमर की मांसपेशियों को मजबूत कर पीठ दर्द से राहत देता है।
मकरासन: कमर को आराम और तनाव मुक्त करता है।
सेतुबंधासन: रीढ़ और कमर को मजबूती देता है, रक्त संचार को बेहतर बनाता है और पोस्चर सुधारता है।
बालासन: रीढ़ की स्ट्रेचिंग करता है, आराम और दर्द से राहत देता है।
सावधानियाँ:
योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही शुरुआत करें।
अचानक झटके वाले आसनों से बचें।
शुरुआती दौर में लंबे समय तक योग न करें।
यदि दर्द असहनीय हो, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
(साभार)