
गिरीश चंदोला,NIU ✍️ थराली में इन दिनों रिवर ड्रेजिंग की आड़ में पतित पावनी माँ गंगा की सहायक नदी पिंडर नदी को खनन माफियाओं के द्वारा छलनी किया जा रहा है . एनजीडी के नियमों की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है .क्यों नियमों को ताक पर रखकर खनन किया जा रहा है. ऐसे में आने वाले भविष्य में थराली में एक बड़ा संकट पैदा हो सकता है. NGTके नियमों की खुलेआम खनन माफिया के द्वारा धजिया उड़ाई जा रही है .और प्रशासन मुख्य दर्शन बना हुआ है सवाल है कि क्या ऐसे ही चलता रहेंगा

ऐसे में गंगा बचाने की जो मुहिम चल रही थी वह नाकाम साबित होते दिख रही है. हम बात कर रहे थराली के सिमलसैण गाँव ने नीचे पिंडर नदी में बड़ी -बड़ी मशीनों से खनन किया जा रहा है. पानी के बहाव को प्रभावित किया जा रहा है. आखिर कार बड़े-बड़े मशीनों से खनन करने की परमिशन खनन व्यवसाययों को किसने दी. अगर परमिशन दी है. तो मानकों के अनुसार परमिशन मिली है. अगर नहीं दी गई है. तो क्यों खनन माफियाओं को जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन का डर नहीं है। क्यों मानकों को ताक पर रखकर खनन किया जा रहा है. कौन इसका जिम्मेदार है.क्यों स्थानीय प्रशासन कार्यवाही नहीं कर पा रहा है.

थराली उपजिलाधिकारी पंकज भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि रिवर ड्रेजिंग के दौरान बड़ी मशीनों की परमिशन नहीं है छोटी मशीनों की परमिशन जिनके पास है. उन्होंने शासन से स्वीकृति ली हुई है लेकिन भारी भरकम मशीन से खनन कार्य करने की अनुमति नहीं है.