देहरादून NIU ✍️ देश को डिजिटल बनाने के दावे के साथ की गई नोटबंदी के बाद अब सरकार ने कैश के लेनदेन पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।
एक मार्च से खाते से कैश निकालने व जमा करने पर बैंकों में कैश हँडलिंग चार्ज देना होगा। निजी बैंकों ने इसकी दरें भी जारी कर दी हैं। जबकि सरकारी बैंक भी अब इसकी तैयारी कर रहे हैं। नियम के मुताबिक हर महीने पहले चार लेनदेन मुफ्त रहेंगे उसके बाद चार्ज वसूला जाएगा।
कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कैश निकालने और जमा करने पर यह नए नियम लागू किए हैं। इसके तहत न सिर्फ अपने खाते से कैश के लेन-देन बल्कि थर्ड पार्टी के कैश जमा करने पर भी डेढ़ सौ रुपये कैश हैंडलिंग चार्ज के अलावा सर्विस टैक्स और सेस लगेगा।
हालांकि इस नियम के दायरे में सिर्फ सेविंग और सैलरी एकाउंट ही आएंगे।
निजी बैंकों में एक मार्च से लागू होगा ये नया नियम पहले चार लेनदेन रहेगें मुफ्त, उसके बाद वसूला जाएगा शुल्क..
इस तरह से होंगे कैश हैंडलिंग चार्ज।
एक व्यक्ति को खाते में कैश जमा करने या निकालने के लिए महीने में केवल चार मौके मुफ्त मिलेंगे। इसके बाद पांचवें ट्रांजेक्शन में डेढ़ सौ रुपये कैश हैंडलिंग चार्ज के अलावा सर्विस टैक्स और सेस मिलाकर करीब एक सौ तिहत्तर ₹173 अतिरिक्त देने होंगे।
होम ब्रांच में केवल दो लाख रुपये एक माह में कैश जमा किया जा सकता है।
दो लाख से ऊपर जमा कराने पर पांच रुपये प्रति हजार, 150 रुपये कैश हँडलिंग चार्ज, सर्विस टैक्स और सेस अलग से लगेगा।
खास बात यह है कि दो लाख की सीमा के बाहर अगर दस हजार भी अतिरिक्त जमा कराए तो उस पर भी 150 रुपये कैश हैंडलिंग चार्ज, सर्विस टैक्स, सेस और पांच रुपये प्रति हजार शुल्क लगेगा।
नॉन होम ब्रांच में एक दिन में अधिकतम 25 हजार रुपये जमा कराए जा सकते हैं। इससे ऊपर कैश जमा कराने पर पांच रुपये प्रति हजार के अलावा 150 रुपये, सर्विस टैक्स और सेस लगेगा।
थर्ड पार्टी को कैश लेन-देन एक दिन में अधिकत्तम 25 हजार रुपये किया जा सकता है। इस पर भी 150 रुपये सर्विस टैक्स और सेंस अलग से लगेगा। 25 हजार से ज्यादा कैश ट्रांजेक्शन की अनुमति नहीं होगी।
सोर्स: अमर उजाला