
देहरादून, दीप मैठाणी NIU✍️ जैसा की विदित है की वर्तमान में गैरसैंण, भराड़ीसैंण में विधायकों सहित आला अधिकारीयों का जमघट लगा हुआ है, आज राज्यपाल लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह (सेवानिर्वित) के अभिभाषण के बाद सत्र के पहले दिन की शुरुवात हुई इस दौरान विपक्षी दलों ने सदन में जमकर हल्ला काटा हालांकि राज्यपाल अभिभाषण देते रहे, साथ ही उत्तराखंड कैबिनेट ने आज कुछ अहम फैसले भी पारित किए पारित किए गए संबंधित फैसलों से जुड़े लोगों पर उसका सीधा असर पड़ेगा, सभी ने इन फैसलों को महत्वपूर्ण व अहम बताते हुई सरकार की पीठ थपथपाई है।।
वहीं दूसरी तरफ गैरसैण की सड़कों पर आज जमकर नारेबाजी हुई और एक के बाद एक समाजसेवियों से लेकर विभिन्न संगठनों ने सदन में उनके विभिन्न मुद्दों पर चर्चा किए जाने हेतु नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया, आलम ये रहा की प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने हेतु धारा 144 का प्रयोग करना पड़ा, और दिवालीखाल से विधानसभा परिसर तक किसी भी प्रकार के जुलूस व् प्रर्दशन पर प्रतिबंधित लगाना पड़ा साथ ही पुलिस चप्पे चप्पे पर तैनात रही, इन सबके बीच सोशल मीडिया के रणबांकुरे भी पीछे नहीं रहे एक तरफ बेरोजगार संघ तो दूसरी तरफ कई अन्य संगठन सोशल मीडिया पर अपनी आवाज बुलंद करते रहे और उनके मुद्दों को भी सदन में उठाये जाने की मांग मंत्रियों/अधिकारीयों को फेसबुक ट्विटर पर टैग करके करते दिखाई दिए, ऐसे में उत्तराखंड के दिव्यांगजन भी कहां पीछे रहने वाले थे! उन्होंने भी सत्र से पूर्व ही कांग्रेस के दिग्गज नेता व् वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष विनोद आर्य को खुला पत्र लिखकर सोशल मिडिया पर एक कंपैन चलाया हुआ है, और उनकी मांगों को सदन में उठाने हेतू विनोद आर्य से पत्र के माध्यम से गुहार लगाई हुई है।। आप भी पढ़िए इनकी मांगे..👇👇👇
पत्र……सेवा में
आदरणीय यशपाल आर्य जी
(नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस दल)
विषय-: विधान सभा में प्रदेश के दो लाख दिव्याँग जनो की आवाज उठाने के संबंध।
मान्यवर जी,
प्रदेश के दो लाख दिव्यांग जनो का आपसे निवेदन है की समाज के दबे कुचले हम दिव्यांग जनो की आर्थिक और सामाजिक हालत बहुत ही गंभीर है और उत्तराखंड सरकार की अनदेखी का शिकार है।दिव्यांग वर्ग की मांग के अनुरूप उत्तराखंड में अभी तक दिव्याँग जनो का सरकारी नौकरी में विशेष भर्ती अभियान शुरू नही हुआ है जब से उत्तराखंड बना है केवल एक बार स्वर्गीय श्री नारायण दत्त तिवारी जी के कार्यकाल में दिव्यांग जनो के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया गया था जब की कई बार दिव्यांग जनो के रिक्त पदो को चिन्हित कर पद खोलने के आदेश निकले है लेकिन आज तक पद चिन्हित नही किये गए है दिव्याँग जनों की एक पीढी की उम्र सरकारी नौकरी का इन्तजार करते हुए निकल रही हैं यह उत्तराखंड सरकार की विफलता है। और दिव्याँग जनों के प्रति आपराधिक लापरवाही है हमारी मांग है की
1- विकलांग जनों की तुरत बैकलॉग भर्ती निकाली जाए।
2- दिव्याँग जनो को समाज कल्याण विभाग से मिलने वाली दिव्यांग पेंशन मात्र 1500 रू दी जा रही है जो इस मंहगाई के दौर पर ऊंट के मुंह पर जीरा सम्मान है विकराल मंहगाई के इस दौर पर इसमे नमक रोटी भी नही खा सकते है इसे बढाकर कम से कम 3000 rs की जानी चाहिए।
3- जिन सरकारी कर्मचारी के दिव्यांग बेटे या बेटी को को उनके मां या पिताजी की फैमली पेंशन सीसीएस पेंशन रूल 1972 के अंतर्गत मिलती है उनके लिए पेंशन नियम सीसीएस रूल 1972 के अंतर्गत केन्द्रीय सरकार की पेंशन नियमावली की तरह उदार होने चाहिए इस संदर्भ में हमारे संगठन के संरक्षक श्री अपूर्व कुमार नौटियाल दुबारा 3 पत्र माननीय मुख्यमंत्री आफिस को भेजे है जिनका पत्राचार कम्प्यूटर नं. 129706 है।
4- उत्तराखंड में एक शक्ती शाली दिव्यांग आयोग बनाया जाए जिसका अध्यक्ष या उपाअध्यक्ष एक दिव्यांग जन हो ओर हर प्रकार के दिव्यांग श्रेणी का उसमे सदस्य के रूप मे प्रतिनिधित्व हों।
मान्यवर जी हमारी इन जायज मांगों को विधान सभा में उठाए और उत्तराखंड सरकार पर दबाव बनाए की वोह हमारी जायज मांगे माने।दिव्यांग वर्ग आपका सदा आभारी रहेगा।
( प्राथि समस्त दिव्यांगजन उत्तराखंड )