
रिपोर्टर- सुनील सोनकर
मसूरी में चार दिनों तक चली भक्ति, उल्लास और संस्कृति की अनुपम छटा के बाद सोमवार को गणेश महोत्सव का भव्य समापन हुआ। बारिश की रिमझिम फुहारों के बीच भक्तों ने आंसुओं के साथ गणपति बप्पा को विदाई दी और अगले बरस फिर आने का भावुक निमंत्रण भी दिया। श्री सनातन धर्म मंदिर, लंढौर में आयोजित इस महोत्सव ने श्रद्धालुओं के हृदय को छू लिया।
समापन दिवस पर मंदिर में विशेष हवन और पूजा के साथ भगवान गणेश की आरती की गई। भारी बारिश के बावजूद श्रद्धालु बड़ी संख्या में ढोल-नगाड़ों की धुन पर भगवान गणेश की शोभायात्रा में शामिल हुए।शोभायात्रा श्री सनातन धर्म मंदिर, लंढौर से आरंभ होकर लंढौर बाजार, घटाघर होते हुए जैन धर्मशाला तक पहुँची। रास्ते भर श्रद्धालुओं ने गणपति बप्पा मोरया के जयघोष और भजनों से वातावरण को भक्तिमय बनाए रखा। हर तरफ़ आस्था की गूंज सुनाई दे रही थी। इसके बाद गणेश प्रतिमा को यमुना पुल ले जाकर पवित्र यमुना नदी में विधिपूर्वक विसर्जित किया गया।गणेश महोत्सव समिति के अध्यक्ष अरुण वर्मा ने बताया कि इस वर्ष महोत्सव में पहले से भी अधिक श्रद्धालु सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा, “गणपति बप्पा सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लेकर आएं, यही हमारी प्रार्थना है। समिति के सदस्य उपेंद्र पंवार ने बताया कि आयोजन की योजना महीनों पहले से बनाई गई थी और यह भक्तों के सहयोग से सफल हो पाया।मंदिर के पुजारी सुनील नौटियाल द्वारा प्रतिदिन विधिवत पूजा-अर्चना और हवन सम्पन्न कराए गए।