
रिपोर्टर – सुनील सोनकर
म्सूरी के पास ग्राम भेड़ियाना में लगाए जा रहे बजरंगबली स्टोन क्रशर को लेकर विवाद गरमा गया है। मसूरी में आयोजित प्रेस वार्ता में गांव के निवासी सरदार सिंह मल्ल ने क्षेत्र के पूर्व प्रधान और अधिवक्ता हुकुम सिंह रावत पर गंभीर आरोप लगाए।
सरदार सिंह का कहना है कि उन्होंने शासन से सभी जरूरी अनुमति लेकर क्रशर का काम शुरू किया है, लेकिन हुकुम सिंह रावत स्थानीय लोगों को भड़काकर काम में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रावत कुछ लोगों के साथ मिलकर ब्लैकमेल करने और उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
सरदार सिंह ने मीडिया के सामने जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल और राजस्व विभाग से मिले दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। उनके अनुसार क्रशर के पहुंच मार्ग के लिए 0.117 हेक्टेयर भूमि पट्टे पर दी गई है, जिसका भुगतान ₹7,07,100 शासन को किया गया है। यह भूमि वन क्षेत्र से बाहर है और स्पष्ट शर्तों के साथ दी गई है।
उधर, सरदार सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि हुकुम सिंह रावत ने मसूरी के कई क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर होटल और निजी निर्माण किए हैं, जिन पर कार्रवाई जारी है। मामला अब न्यायालय में विचाराधीन है।
स्थानीय निवासी जगत सिंह रावत ने कहा कि क्रशर लगने से गांव के युवाओं को रोजगार मिलेगा और 2013 की आपदा में मलबे से पटे खेतों को दोबारा उपयोग में लाया जा सकेगा। साथ ही, श्मशान घाट तक पहुंचने का रास्ता भी बनेगा।
प्रशासन ने साफ किया है कि शर्तों का उल्लंघन हुआ तो जमीन सरकार को वापस ले ली जाएगी। मामला अब प्रशासन, ग्रामीणों और न्यायालय के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। हाईकोर्ट में 14 अक्टूबर को सुनवाई होनी है।