
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के दूरसंचार विभाग में चयनित 1494 अभ्यर्थियों को रविवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित समारोह के दौरान नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के भव्य सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं उपस्थित होकर नवचयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएँ दीं।
कार्यक्रम की शुरुआत में डीजीपी राजीव कृष्णा ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना समेत कई कैबिनेट सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार बिना रुके, बिना थके और बिना डिगे हुए, सुरक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 60,244 सिपाहियों की भर्ती पूरी हो चुकी है और आगे 30,000 नए पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। पुलिस प्रशिक्षण की व्यवस्था को भी राज्य ने काफी मजबूत किया है, जिससे अब सभी सिपाही राज्य के स्वयं के प्रशिक्षण केंद्रों में ही ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने यह भी बताया कि पुलिस विभाग को बेहतर आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और उन जिलों में भी पुलिस लाइनें स्थापित की गई हैं, जहां पहले कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा कि वर्षों से लंबित पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली को भी लागू किया गया है, जो अब सात जिलों में प्रभावी रूप से काम कर रही है।
सीएम ने कहा, “आज यूपी पुलिस न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में एक आदर्श बन चुकी है। बेहतर कानून व्यवस्था, समय पर कार्रवाई और आमजन के प्रति संवेदनशील रवैया इसकी पहचान बन गया है। महाकुंभ जैसे आयोजन यूपी पुलिस की सजगता और सेवा भावना के कारण ही सफल हो पाए।”
उन्होंने यह भी ऐलान किया कि यूपी पुलिस में 20 प्रतिशत भर्ती अब अग्निवीरों से की जाएगी, जो विभिन्न तकनीकी और प्रशासनिक क्षेत्रों में अपनी दक्षता के अनुसार सेवाएं देंगे।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पाने वाले सभी अभ्यर्थियों को ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, “आपकी पूरी भर्ती प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ हुई है, बिना किसी लेन-देन के। सरकार को आपसे भी उसी पारदर्शिता और ईमानदारी की अपेक्षा है।”