
जयपुर, दीप मैठाणी (NIU) ऐसा लगता है कि गहलोत सरकार विधानसभा चुनाव से पहले हिंदुत्व कार्ड को भुनाने की पूरी कोशिश कर रही है, और पुष्य नक्षत्र 25 मई को मंदिर गलियारा बनाने और सभी मंदिरों पर भगवा ध्वज फहराने की योजना है।
राज्य सरकार की योजना सभी देवस्थान मंदिरों पर भगवा ध्वज (झंडे) फहराने की है।
राज्य सरकार की देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि इसके अलावा, राज्य सरकार ‘तीर्थ यात्रा’ के लिए लगभग 40,000 वरिष्ठ नागरिकों को ले जाएगी, जो पहले की तुलना में दोगुनी है।
जिन जगहों पर उन्हें ले जाया जाएगा, उनमें नेपाल में रामेश्वरम, पशुपति नाथ शामिल हैं।
राज्य में खाटूश्याम जी और कैला देवी मंदिर की तरह भव्य मंदिर गलियारे बनाए जाएंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पूजा करते समय भक्तों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

NIU संपादक के एक सवाल का जवाब देते हुए कि क्या राज्य सरकार आगामी चुनावों के मद्देनजर हिंदुत्व कार्ड खेल रही है? उन्होंने कहा, हमारी सरकार गठन के बाद से धार्मिक रूप से इस तरह के आयोजन कर रही है। हमने विभिन्न मंदिरों में हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया है। हमने रामनवमी पर विभिन्न मंदिरों में अखंड रामायण का आयोजन, श्रावण मास में सहस्त्रधारा कार्यक्रम का आयोजन किया है।
मंत्री ने कहा, राज्य सरकार देवदर्शन यात्राओं का भी आयोजन कर रही है जो 28 जनवरी से जयपुर में शुरू हुई थी, अप्रैल में हम उदयपुर गए थे। इसका उद्देश्य भक्तों को विभिन्न मंदिरों से जोड़ना है जो अज्ञात हैं। ये भक्त प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करते रहे हैं, लेकिन हम भी चाहेंगे राज्य के अन्य मंदिरों को बढ़ावा मिले।
उन्होंने कहा, वास्तव में, हमने नेपाल में पशुपति मंदिर को ‘वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा’ के लिए मंदिरों की सूची में शामिल किया है, देवस्थान विभाग द्वारा चलाए जा रहे धर्मशालाओं में भक्तों के मुफ्त ठहरने की व्यवस्था की और मंदिरों के रिकॉर्ड को भी डिजिटल कर दिया है।
मंत्री रावत ने कहा, देवस्थान विभाग के तहत आने वाले 593 मंदिरों का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा और इन मंदिरों में पुजारियों का पारिश्रमिक तीन से बढ़ाकर 5 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है।
यहां यह बताना जरूरी है कि विपक्ष गहलोत सरकार पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगा रहा है, तो वहीँ सत्ताधारी दल हिंदुत्व हेतु किये गए अपने कार्यों और उपलब्धियों को गिना रहा है।