दीप मैठाणी NIU ✍️ देहरादून,
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड आगमन के मौके पर उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने राज्य की जनसमस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन कार्यक्रम का नेतृत्व उक्रांद के महानगर अध्यक्ष परवीन चंद रमोला ने किया।
रमोला ने कहा कि राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के बावजूद उत्तराखंड की मूलभूत समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। उन्होंने प्रश्न उठाया कि इन 25 वर्षों में राज्य ने आखिर क्या पाया? जनाकांक्षाओं के अनुरूप विकास न होने और जनता के मुद्दों की अनदेखी पर उन्होंने सरकार को आड़े हाथ लिया। रमोला ने आरोप लगाया कि सरकार केवल अपनी वाहवाही लूटने में व्यस्त है, जबकि जनता की उम्मीदें अधूरी हैं।

कार्यक्रम में दल के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पलायन, स्थायी राजधानी गैरसैंण, तथा परिसंपत्तियों के बंटवारे जैसे मुद्दों पर राष्ट्रीय दलों ने आज तक ठोस कार्य नहीं किया। उक्रांद के केंद्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश उपाध्याय ने कहा कि राज्य की 25वीं वर्षगांठ को सरकार भले ही रजत जयंती के रूप में मना रही हो, परंतु भू-कानून और मूल निवास जैसे मुद्दों पर जनता को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में नौकरशाही हावी है और राज्य भर में भू-माफिया एवं खनन माफिया सक्रिय हैं, जिनपर धामी सरकार पूरी तरह असहाय नजर आ रही है।
पूर्व केंद्रीय युवा अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट ने परिवहन निगम के सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की रैली में भीड़ जुटाने के लिए परिवहन निगम की बसों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में आम जनता के लिए बसों की भारी कमी है। उन्होंने मांग की कि परिवहन सचिव, निदेशक और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

इस अवसर पर केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रमिला रावत ने कहा कि राज्य में लगभग हर जगह आंदोलन हो रहे हैं, जो इस बात का संकेत है कि पिछले 25 वर्षों में सरकारें जनता की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरीं। उन्होंने कहा कि राज्य के संसाधनों की लूट जारी है और आम जनता हाशिए पर है।
कार्यक्रम के दौरान उक्रांद कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं को ले जा रही परिवहन निगम की बस को रोका और काले झंडे दिखाकर विरोध दर्ज किया।
कार्यक्रम में पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष पंकज व्यास, अनूप बिष्ट, प्रदीप भंडारी, भोला चमोली, अंकेश भंडारी, यशपाल नेगी, संदीप असवाल, अशोक नेगी, बहादुर सिंह रावत, उत्तम रावत, देवचंद उत्तराखंडी, राजीव नौटियाल, रमन सिंह, जितेन्द्र, दीपक रावत, सुमित डंगवाल, हीरा फर्स्वाण, राजेंद्र रावत, बिरेंद्र बिष्ट, राजेंद्र नेगी और राजेंद्र बेंजवाल सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।



