दीप मैठाणी NIU✍️ देहरादून, राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर देहरादून से बड़ी खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार, आज 8 नवंबर 2025 को उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में दिव्यांग जनों द्वारा एक प्रेस वार्ता आयोजित की जानी थी।
यह प्रेस वार्ता दिव्यांग अधिकारों को लेकर की जानी थी, लेकिन कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही पुलिस ने कई दिव्यांग प्रतिनिधियों को हिरासत में ले लिया। मिली जानकारी के अनुसार, चौधरी अरुण कुमार, विपिन चौहान और अरविंद को पुलिस ने उत्तरांचल प्रेस क्लब पहुंचने से पहले ही हिरासत में ले लिया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस का समय दोपहर 12 बजे तय था, जहां दिव्यांग जन सरकारी नौकरियों में विकलांग भर्ती बैकलॉग, सम्मानजनक पेंशन और गंभीर रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के सुरक्षा अधिकारों से जुड़े मुद्दे उठाने वाले थे। घटना के बाद दिव्यांग संगठनों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
उनका कहना है कि सरकार ने उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश की है। आयोजकों ने यह भी कहा कि अपनी मांगों के लिए संघर्ष जारी रहेगा और यह उत्पीड़न उन्हें झुकने नहीं देगा।

दिव्यांगजनों का स्पष्ट कहना है कि वे अपने संवैधानिक अधिकारों, सरकारी नौकरियों में आरक्षण और पैरालंपिक खिलाड़ियों के सम्मान की मांग को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन पुलिस की कार्रवाई ने उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब सवाल यह है कि क्या दिव्यांग जनों का प्रेस कॉन्फ्रेंस करना अपराध माना जाएगा? क्या अपने हक और सम्मान की मांग करना गलत है?
फिलहाल, इस पूरे मामले पर प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, वहीं एसएसपी कार्यालय देहरादून द्वारा दिव्यागजनों के हिरासत में होने की किसी भी जानकारी होने से इनकार किया है, जबकि चौधरी अरुण कुमार और सरिता जोशी को इस समय नेहरु कॉलोनी थाने ले जाया गया है।




