
रिपोर्टर- सुनील सोनकर
पहाड़ों की रानी’ मसूरी इस समय कुदरत के कहर से कराह रही है। सोमवार की देर रात से हो रही मूसलधार बारिश ने यहां ऐसा तांडव मचाया कि सारा इलाका दहशत में आ गया। चारों ओर पानी, मलबा, टूटी सड़कें, और चीख-पुकार का माहौल है।
सड़कें बनीं तबाही का रास्ता सबसे ज्यादा नुकसान
मसूरी-देहरादून मार्ग को हुआ है, जो अब पूरी तरह से अवरोधित और क्षतिग्रस्त हो चुका है।
कोलू खेत के पास सड़क का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह टूट गया है, जहाँ अब सिर्फ मलबा और दरारें बची हैं।
गलेगी पावर हाउस से करीब 200 मीटर आगे सड़क धंस गई है। इस इलाके में अब वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है।
मसूरी पुलिस और प्रशासन ने रास्तों को पूर्णतः बंद कर दिया है ताकि कोई हादसा न हो।
सबसे दुखद घटना झड़ीपानी शॉर्टकट रोड पर हुई, जहां देर रात एक मकान में मलबा घुस आया।
इस हादसे में दो नेपाली मूल के लोग मलबे के नीचे दब गए।
जिसमें राम बहादुर उम्र 41 वर्ष की मौके पर मौत हो गई है जबकि अर्जुन उम्र 40 वर्ष गंभीर रूप से घायल हो गया है
उसका इलाज मसूरी उप-जिला चिकित्सालय में किया जा रहा है।
बारिश से आए मलबे और लैंडस्लाइड की वजह से कई गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
कुछ गाड़ियाँ सड़क किनारे खड़ी थीं जिन्हें मलबा बहा ले गया।
लोगों का कहना है कि बारिश इतनी तेज थी कि आँखों के सामने सड़कें टूटती दिखीं और मलबा पूरे शहर में फैल गया।
लोगों में दहशत का माहौल
बारिश और मलबे की तबाही ने मसूरी के लोगों को सदमे में डाल दिया है।
लोगों ने घरों में कैद होकर रात गुजारी।
बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित है।
मसूरी प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम अलर्ट मोड पर हैं।
JCB मशीनों से मलबा हटाया जा रहा है।
स्थानीय पुलिस लगातार पेट्रोलिंग कर रही है ताकि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटे तक भारी बारिश की संभावना है। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा फिलहाल टाल दें।
मसूरी के स्थानीय लोगों ने सरकार से तत्काल राहत और स्थायी समाधान की अपील की है।
एक स्थानीय निवासी ने कहा कि हर साल बारिश में यही होता है, लेकिन इस बार हालात बेहद खतरनाक हैं,”
कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट भी ठप हो गया है, जिससे संपर्क साधन भी सीमित हो गए हैं।