
रिपोर्टर- सुनील सोनकर
मसूरी नगर पालिका परिषद की बोर्ड बैठक में एक ओर जहां शहर के विकास से जुड़े 32 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुए, वहीं बैठक शुरू होने से पहले सभासद जसबीर कौर और गीता कुमाई के हंगामे ने माहौल गर्मा दिया। सभा की शुरुआत में सभासद जसबीर कौर व गीता कुमाई ने पालिका के तीन कर्मचारियों को आवास न मिलने पर विरोध जताया।
पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने जवाब दिया कि तीन नहीं, पांच कर्मचारियों को मकान दिए जाएंगे, जिनमें से तीन तैयार हैं और बाकी जल्द तैयार कर सभी को साथ में आवंटित किया जाएगा। सभासद विशाल खरोला ने आरोप लगाया कि पालिका 70 वॉट की लाइट ₹2250 में खरीद रही है, जबकि बाजार में 80 वॉट की लाइट ₹1650 में मिल रही है।उन्होंने खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की।
सभा में खुलासा हुआ कि जून के पीक सीजन में माल रोड से सिर्फ ₹18 लाख की वसूली हुई, जबकि अप्रैल में ₹24 लाख हुई थी। सभासदों ने इसे वित्तीय गड़बड़ी बताया और उच्च स्तरीय जांच की मांग की । पालिका संेट मैरी अस्पताल का संचालन जॉली ग्रांट अस्पताल को सौंपने और टाउन हॉल को खुद संचालित करने का निर्णय लिया। टाउन हॉल से होने वाली आय का 50 प्रतिषत का मुनाफा पालिका व 50 प्रतिषत एमडीडीए को मिलेगा। बैठक में पालिका संपत्तियों का बाजार दर पर मूल्यांकन कर किराया निर्धारण, पालिका अध्यक्ष के लिए नया वाहन खरीदने पर सहमति बनी वही ट्रैक्टर-जीप खरीद पर बहस हुई जिसमें कुछ सदस्यों ने किराया मॉडल अपनाने का सुझाव दिया गया। हर वार्ड के विकास कार्यों को हरी झंडी मिली।पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने कहा कि कुछ सभासद राजनीति कर रहे हैं, लेकिन मैं मसूरी के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।