
देहरादून NIU ✍️ बातचीत से बच्चों को अभिव्यक्ति के मौके तो मिलते ही हैं, साथ ही उनके अन्दर आत्मविश्वास भी बढ़ता है। पढ़ने-लिखने के लिए भी एक ज़मीन तैयार होती है। बातचीत के ज़रिए बच्चों में पढ़ने-लिखने के कौशल के विकास की गुंजाइश उभरती है। धीरे-धीरे बातचीत से बच्चों में लेखन भी विकसित किया जा सकता है।कक्षा में बातचीत का एक और फायदा है कि इससे शिक्षक व बच्चे के बीच की दूरी कम होती है। शिक्षक व छात्र के रिश्ते को प्रगाढ़ बनाने में कक्षा में बातचीत एक आवश्यक प्रक्रिया के रूप में दिखाई देती है। इससे शिक्षक को बच्चों के बारे में नज़दीक से जानने के मौके भी मिलते हैं। इसके अलावा बातचीत आकलन का एक अच्छा टूल (उपकरण) भी है। यानी बातचीत के दौरान सामने वाले की प्रतिक्रिया से, उसके सोचने-समझने के बारे में पता चलता है — उसके तर्क क्या हैं, सोचने की दिशा क्या है, बातचीत के साथ वह कैसे जुड़ पा रहे है इत्यादि।पिछले दो दिन इंटर कॉलेज के बच्चों से बातचीत करने का अवसर प्राप्त हुआ। सबसे पहले राजकीय इंटर कॉलेज क्यारी की प्रार्थना सभा मे शामिल हुआ।
बच्चों और शिक्षकों का अनुशासन देखने लायक था। प्रार्थना सभा की सभी गतिविधियों को प्रस्तुत किया जा रहा था। बच्चे इस बंदना समूह गान प्रतिज्ञा हाथ से लिखे हुए दैनिक समाचार, नैतिक विचार आदि सुन रहे थे। विद्यालय में प्रार्थना सभा का संचालन शिक्षक डॉ पवन कुदवान जी कर रहे थे। तत्पश्चात विद्यालय के प्रधानाचार्य जी श्री अनिल सिंह रांगड जी के द्वारा बच्चों के समुख मुझे बातचीत करने को कहा गया। हमने प्रयास किया कि कम समय में अधिक बात रखें परंतु जिस तरह से बच्चे ध्यान से सुन रहे थे और अनुशासित तरीके से बैठे हुए थे। यह सब इस बात का प्रतीक है कि विद्यालय में बहुत ही शानदार कार्य हो रहा है। दूसरे दिन कुछ मित्रों के साथ ,, आचार्य कपिल सेमवाल जी, श्रीमती मिथिला पंवार जी, श्री जितेंद्र गौड जी, श्री राय सिंह रावत जी , श्री दीपक नौटियाल शास्त्री जी, श्रीमती प्रतिमा सजवाण जी के साथ राजकीय इंटर कॉलेज म्याणी में हम प्रार्थना सभा में सामिल हुए। जहां पर विद्यालय के शिक्षक साथियों व श्री अनिल कैनतुरा जी क्षे. प. सदस्य म्याणी , अन्य साथियों के द्वारा हमारी टीम का स्वागत किया गया। विद्यालय के बच्चों से हमारे टीम के सभी साथियों ने शिक्षा, संस्कार आदि विषयों पर खुलकर बातचीत की गई , बच्चों ने सभी प्रश्नों के ज़बाब बड़े खुलकर दिये। आधे घंटे की बातचीत के पश्चात हमारी टीम राजकीय इंटर कालेज श्रीकोट,घोडाखुरी,नैनबाग के विद्यालय में पहुंचकर बच्चों से रूबरू हुए -हमारी बातचीत का मुख्य उद्देश्य था कि परम श्रद्धेय सन्त लवदास महाराज जी के पावन सानिध्य में जून की छुट्टियों में अपने क्षेत्र की उच्च कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के साथ शिक्षा ,संस्कार विद्यार्थी उत्थान पर एक शिविर सनातन धर्म ट्रस्ट जाखधार उत्तराखंड 9 जून से 14 तक शरणागति विद्यार्थी उत्थान शिविर आयोजित करना चाहते हैं। इस शिविर को लेकर जब हमने विद्यालय के शिक्षकों अभिभावकों और बच्चों से बातचीत की तो शिविर में सम्मिलित होने के लिए इन सभी में भारी उत्साह देखा गया। इन विद्यालयों में जाकर यह महसूस हुआ कि हमारे पहाड़ के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। बच्चों में एक से एक हुनर है।बच्चों का अनुशासन आत्मविश्वास, बहुत ही शानदार था। बस अब आवश्यकता है कि इसे और कैसे बेहतर किया जाए।पश्चात संस्कृति और शहर की चका-चौंद से गांव बच्चे रहे।
