
देहरादून, ब्यूरो NIU ✍️दून म्यूजिक फेस्टिवल सीजन 2 का देहरादून में हुआ आयोजन जिसको लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहें है, आयोजन स्थल के बगल में ही पवित्र धार्मिक स्थल है साथ ही एक नामी स्कूल भी बावजूद इसके इस आयोजन में शराब परोशी गई हैरानी की बात है की इतने संवेदनशील व् धार्मिक इलाके के लिए आबकारी ने लाईसेंस जारी भी कर दिया..
यह फेस्टिवल बन्नू स्कूल और रेस कोर्स गुरूद्वारे के बिलकुल नजदीक आयोजित किया जा रहा है, इस गुरुद्वारे में प्रकाश पर्व की तैयारी चल रही है और बगल में शराब परोसी जा रही है, पाया गया है कि यहाँ खुलकर शराब सेवन करवाया जा रहा है, जिसमें बिक्री के नियमों के उल्लंघन का अंदेशा जताया जा रहा है।

आपको बता दें कि भारत में शराब की बिक्री एवं सेवन करने वाले स्थान किसी भी शिक्षण संस्थान व् धार्मिक स्थल से कम से कम सौ मीटर कि दूरी पर होने चाहिए – इस नियम का उल्लंघन करते हुए आबकारी ने दून म्यूजिक फेस्टिवल को बार लाइसेंस तो दिया ही दिया और शराब बेचने तक की अनुमति दे डाली? आरोप है की लाईसेंस सिर्फ शराब के सेवन की अनुमति देता है, जिसे अमूमन शादी ब्याह या किसी सार्वजनिक पार्टी के लिए जारी किया जाता है परंतु इस म्यूजिक फेस्टिवल में इसके विपरीत शराब बेची तक जा रही है….

इस फेस्टिवल को लाइसेंस दिए जाने के बाद से जानकारों ने वर्तमान में बनाए गए नियमों में की जा रही लापरवाही पर चिंता व्यक्त की है।
आरोप है की दून म्यूजिक फेस्टिवल के आयोजक BCCI से जुड़े हुए अमन सिंह हैं, जिन्होंने आबकारी विभाग से सांठ गांठ कर लाइसेंस तो ले लिया परंतु अब अपने रुतबे के चलते इसका दुरुपयोग करते हुए सार्वजनिक जगह पर खुलेआम शराब पिलाने के नाम पर धड़ल्ले से शराब को बेच रहे हैं….
रेस कोर्स की तमाम वेलफेयर एसोशिएशन ने भी इसकी गहरी निंदा की है साथ ही प्रशासन से जल्द से जल्द इस पर कार्यवाही करने की मांग हेतु प्रार्थना पत्र देने की बात की है….
वहीं इस म्यूजिक फेस्टिवल में नामी सितारों को लाने का दावा करने वाले आयोजकों ने ऐसे ऐसे लोगों से परफॉम करवाया जिन्हें कोई जानता भी नहीं और इसके लिए एंट्री फीस तक में भारी भरकम रकम वसूली गई,
नुन्यतम एंट्री शुल्क 1399 रखा गया था इससे अतिरिक्त कई अन्य स्लैब बनाए गए थे, जिसपर कार्यकर्म में पधारे लोगों ने भी ऐतराज जताया कहा की जितना पैसा लिया गया उस हिसाब से ना तो कलाकार बुलाए गए नाही सुविधाएं दी गई, अधिकांश युवतियां मच्छरों के काटने से परेशान नजर आईं, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की आयोजनकर्ताओं द्वारा पेस्ट कंट्रोल तक का इंतेजाम नहीं किया गया था, जिससे साफ प्रतीत होता है की ऊंची पहुंच के चलते इस कार्यक्रम का आयोजन पैसा कमाने सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाने के लिए किया गया था इस पूरे कार्यक्रम में उत्तराखंड के किसी भी गीत को प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे उत्तराखंड में आयोजित हुए इस म्यूजिक फेस्टिवल में बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं और प्रतीत हो रहा है कि दूंन के युवाओं से बॉलीवुड कलाकारों के नाम पर भारी भरकम वसूली की गई है।।