
ऑगस्टिन मांडा✍️ देहरादून, स्थित प्रेस क्लब में वन दरोगा चयनित अभ्यर्थी युवाओं ने प्रेस वार्ता के जरिए भर्ती चयन में हो रही धांधली और चयन विभाग की लापरवाही को लेकर सरकार को सवालों के घेरों में लिया।
आपको बता दे की अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 2019 में वन दरोगा के 316 पदो की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। COVID 19 के निर्देशनुसरण अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने जुलाई 2021 में 18 पालियों में भर्ती परीक्षा को ऑनलाइन परीक्षा द्वारा सम्पन्न करवाया था। 2022 के जनवरी महीने में लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ जिसमे आयोग ने 6 अभ्यर्थियों को परिणाम से बाहर किया, लिखित परीक्षा के आधार पर जून 2022 में शारीरिक परीक्षा आयोजित हुई। शारीरिक परीक्षा का परिणाम जुलाई 2022 में घोषित हुआ जिसमे लगभग 620 परीक्षार्थी शमिल हुए ।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री एस राजू द्वारा शुरुवात में बाहर किए गए 6 अभ्यर्थियों की जांच STF को सौंपी। वन दरोगा भर्ती 2019 की प्रक्रिया को चार साल हो गए हैं लेकिन आयोग की चयन प्रणाली अब तक नहीं हुई है, इस वजह से प्रतिभाग करने वाले अभ्यर्थियों को उदासीन रवैये का सामना करना पड़ रहा है।
इसके चलते अभ्यर्थियों का चयन आयोग से कहना है कि “जिस प्रकार 2018-19 में जेई भर्ती परीक्षा प्रकरण में सरकार ने जाँच के मध्य में ही त्वरित निर्णय लेकर चयनित अभ्यर्थियों से शपथ पत्र लेकर नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया था उसी प्रकार इस भर्ती को लेकर 6 दोषी अभ्यर्थियों को छोड़कर अपनी मेहनत व ईमानदारी से चयनित हुए शेष अभ्यर्थियों को उनका हक शपथ-पत्र भरवा कर नियुक्ति दी जाए। “