
देहरादून, दीप मैठाणी ✍️NIU उत्तराखंड में नशीली दवाओं से संबंधित आपराधिक कैदियों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के प्रयास में, देहरादून जिला जेल सुद्धोवाला में एक उल्लेखनीय सत्र का आयोजन किया गया। TAPAS नशा विरोधी जागरूकता और पुनर्वास कार्यक्रम के हिस्से के रूप में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य कैदियों को नशा मुक्त जीवन अपनाने के लिए प्रेरित करना रहा। यह सत्र, एक आकर्षक और इंटरैक्टिव माहौल में हुआ, इसमें शामिल सभी लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। सत्र का नेतृत्व डॉ. मुकुल शर्मा कर रहे थे, मुकुल शर्मा, प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक हैं, सांख्य योग फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ शर्मा पुनर्वास के विशेषज्ञता और इस उद्देश्य के प्रति समर्पण भाव से कार्य करते हुए नजर आए जिसने इस आयोजन को बहुत महत्वपूर्ण बना दिया।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति ने भी इस पहल के महत्व को बढ़ाया है। इस कार्यक्रम में विमला गुंजियाल, आईजी जेल उत्तराखंड, धाधीराम, डीआईजी जेल उत्तराखंड और पवन कोठारी, जेलर देहरादून जिला जेल उपस्थित रहे। इनका समर्थन और प्रोत्साहन कैदियों के लिए प्रेरक माहौल बनाने में सहायक रहा।
सत्र ने कैदियों के बीच आशा और सशक्तिकरण की भावना को बढ़ावा दिया, जिससे उन्हें नशा मुक्त जीवन की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम की संवादात्मक प्रकृति ने प्रतिभागियों को अपने अनुभवों और चुनौतियों को खुलकर साझा करने की अनुमति दी, जिससे समझ और सहानुभूति का माहौल बना। सुद्धोवाला, देहरादून जिला कारागार में सत्र की सफलता ने जागरूकता पैदा करने और व्यक्तियों को नशा मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करने के निरंतर प्रयासों के महत्व को सुदृढ़ किया है।
सांख्य योग फाउंडेशन और उत्तराखंड जेल अधिकारियों के बीच सहयोग भविष्य में और भी अधिक परिवर्तनकारी कार्यक्रम लाने के लिए तैयार है। इसमें शामिल सभी लोगों के संयुक्त दृढ़ संकल्प के साथ, नशा मुक्त समाज की दिशा में ये यात्रा एक महत्वपूर्ण कदम को आगे बढ़ाती है। जैसे-जैसे TAPAS नशा विरोधी जागरूकता और पुनर्वास कार्यक्रम का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, बेहतर, नशा-मुक्त भविष्य की आशा पहले से कहीं अधिक उज्ज्वल हो गई है।