
आम आदमी पार्टी हरियाणा की कार्पोरेटर निशा सिंह दंगों की प्लानिंग करने, साजिश रचने तथा दंगे भड़का कर चुनाव जीतने की प्लानिंग में व् सरकारी अधिकारियों सहित आम लोगों पर दंगे और आगजनी के केस में अदालत द्वारा दोषी पाई गई है और उसे 7 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गईं है।
आम आदमी पार्टी के तरफ से धुरंधर किस्म के कई वकील निशा सिंह के बचाव में थे लेकिन सुबूत इतने ज्यादा थे कि उन्हें भी यह मानना पड़ा कि निशा सिंह दंगो की दोषी है
अब आप जरा निशा सिंह का इतिहास देखिये..
निशा सिंह ने मुंबई यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग और उसके बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एमबीए किया हुआ है इन्होंने गूगल और सीमेंस जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों में बड़े पद पर काम भी किया फिर भारत वापस आ गई और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में नौकरी भी की।
फिर उनके मन में भी नेता बनने का जनून उमड़ पड़ा और आम आदमी पार्टी के टिकट पर कार्पोरेटर भी बन गई फिर कॉरपोरेटर बनने के बाद इनके मन में विधायक बनने का जनून सिर चढ़ बैठा जिसके लिए इन्होंने अपने इलाके में दंगा भड़काने की प्लानिंग को रचा लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से दंगा नहीं भड़क पाया सिर्फ पत्थरबाजी और छोटी मोटी आगजनी हुई जिसे कंट्रोल कर लिया गया था।
लेकिन इस दौरान कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी।
इनकी कॉल रिकॉर्डिंग, कॉल डिटेल, इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस से लेकर 30 गवाहों के बयान के आधार पर इन्हे दोषी पाया गया है।
अफसोस इलेक्ट्रॉनिक मीडिया देश में खुद को नंबर वन कहने वाले मिडिया पोर्टल से लेकर चैनल तक से यह खबर गायब है। क्योकि दिल्ली का मुख्यमंत्री केजरीवाल आज विश्व का सबसे बड़ा विज्ञापनदाता है और कोई भी टीवी चैनल केजरीवाल जैसे विज्ञापनदाता को नाराज नहीं करना चाहता।