
देहरादून, दीप मैठाणी ✍️NIU मॉनसून के इस मौसम में देहरादून नगर निगम की पोल किस तरह खुली और किस तरह स्मार्ट सिटी के दावों की हवा निकली ये तो आप सभी ने सरेआम देखा। भले ही मुख्यमंत्री साहब से लेकर डीएम साहिबा तक भरी बरसात में सड़कों पर दौड़ीं हों मगर आम जनमानस के लिए हालात जस के तस बने रहे, किसी भी गली मोहल्ले में जलभराव से निजात नहीं मिली। परंतु हैरानी की बात है की जलभराव की समस्या से निजात दिलाने की बजाय नगर निगम के अधिकारी पिछले एक माह से आपको समस्या से निजात दिलाने में नहीं बल्कि आपसे हाउस टैक्स वसूलने की तैयारियों में व्यस्त रहे, अब नगर निगम बस्तियों से अगस्त से हाउस टैक्स वसूलेगा। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। अगले हफ्ते से हाउस टैक्स भरने के लिए फॉर्म आदि बांटने का काम शुरू किया जाएगा। कई इलाकों में कुछ कब्जाधारी बस्तीवासी भी हाउस टैक्स वसूलने की मांग कर रहे थे, ताकि उनके अवैध आवास को वैध माना जा सके।
दरअसल, वर्ष 2018 में नगर निगम की ओर से बस्तियों से हाउस टैक्स वसूलने की कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन हाईकोर्ट के एक निर्णय के बाद बस्तियों से टैक्स वसूलने की कार्रवाई बंद कर दी गई। इसके बाद से बस्तीवासी लगातार हाउस टैक्स वसूलने की मांग कर रहे हैं। नगर निगम में 132 ऐसी बस्तियां हैं, जो पंजीकृत हैं। इनमें लगभग 40 हजार की जनसंख्या निवास करती है। पूर्व में हुई बोर्ड बैठक में बस्तियों से हाउस टैक्स वसूलने का प्रस्ताव पास किया गया था। तय किया गया था कि अप्रैल से बस्ती वासियों से भी हाउस टैक्स वसूलने की कार्रवाई शुरू की जाएगी, लेकिन कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई।
अब निगम ने हाउस टैक्स वसूलने की तैयारी पूरी कर ली है। फिलहाल बस्तीवासियों से हाउस टैक्स मैनुअली वसूला जाएगा। टैक्स उन्हीं बस्तियों से लिया जाएगा जो 2016 से पूर्व पंजीकृत हैं। इसके बाद बनी बस्तियों को अवैध माना जाएगा। उन्होंने बताया कि अगले हफ्ते से फॉर्म बांटने का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके बाद अगस्त से कैंप लगाकर हाउस टैक्स वसूला जाएगा।