
धनौल्टी विधानसभा स्थित जौनपुर विकासखंड के ग्राम ख्यार्शी व् ललोटना के इन दो बच्चों ने किया अपने माता पिता सहित क्षेत्र का नाम रोशन इन दोनों ही बच्चों की बेसिक शिक्षा जौनपुर विकासखंड के स्कूल में हुई, बेसिक शिक्षा ग्रामीण क्षेत्र में मिलने के बावजूद इन दोनों बच्चों ने राजधानी देहरादून में अपने स्कूल में CBSE 2022 के रिजल्ट्स में टॉप किया है, कमाल की बात है कि यह दोनों ही बच्चे साइंस के स्टूडेंट से है, यह दर्शाता है कि बच्चा अगर पढ़ने का इच्छुक हो तो पहाड़ों में शिक्षा व्यवस्था अभी इतनी भी लच्चर नहीं हुई है की बच्चे पढ़ नही पाए, साथ ही यह करारा तमाचा है उन लोगों पर जो सोशल मीडिया पर अक्सर लिखते रहते हैं कि पहाड़ों में शिक्षा व्यवस्था सही व सुचारू रूप से नहीं है। इन दोनों बच्चों में से जिन्होंने अधिक नंबर लाए हैं वो है छात्रा सानिया बडियाड़ी सानिया ने इस वर्ष के रिजल्ट्स में 92% अंक हासिल किए हैं। सानिया के माता पिता बतातें की उनकी बिटिया बचपन से ही पढ़ाई होशियार रही है उन्होंने बताया की उनकी बिटिया की बेसिक शिक्षा गुरु राम राय पब्लिक स्कूल थत्युड़ जौनपुर से हुई थी बावजूद इसके सानिया ने राजधानी जैसे शहर में यहां के बच्चों को कड़ी टक्कर दी और 92% अंक हासिल कर अपने स्कूल फिल्फोट पब्लिक स्कूल जोकि टी स्टेट बंजारावाला में है से टॉप कर हमारा और हमारे जौनपुर का नाम रोशन किया है, आपको यहां बताते चलें कि सानिया के पिता अर्जुन सिंह बडियाड़ी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे है, और उनकी माताजी नीलम बडियाड़ी एक ग्रहणी है।
दूसरे छात्र हैं आशीष रांगड़ इन्होंने भी इसी स्कूल में टॉप करते हुए 91% अंक हासिल किए है, आशीष की बेसिक शिक्षा जौनपुर विकासखंड के ललोटना स्थित गांव के प्राथमिक विद्यालय से हुई है बावजूद इसके इन्होंने भी गांव से आकर देहरादून जैसे शहर में टॉप अंक पाने वाले बच्चों में अपनी जगह बनाई है, आशीष भी बचपन से पढ़ने में होशियार रहे हैं। आशीष के पिता बचन सिंह रागड़ भी अपने बेटे पर गर्व करते हुए बताते हैं कि उनके बेटे ने उनका सर गर्व से ऊंचा किया है, साथ ही उन्हें इस बात पर अधिक गर्व होता है कि उनके बेटे की बेसिक शिक्षा भले ही गांव के प्राथमिक विद्यालय मे हुई हो मगर बावजूद इसके उनके बेटे ने देहरादून आकर अपने स्कूल में टॉप किया है, आशीष के पिता बचन सिंह रागड़ होटल व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और उनकी माताजी भी ग्रहणी है।
इन दोनों बच्चों ने साबित किया है कि देवभूमि उत्तराखंड के पहाड़ों में शिक्षा इतनी भी बुरी नहीं है जितना कि उसका ढोल पीटा जाता है, पहाड़ से आने के बावजूद इन दोनों बच्चों ने खुद को साबित किया है और दूसरों को गलत, साथ ही यह इन दोनों बच्चों की मेहनत और कुछ कर गुजरने की चाहत का ही नतीजा है जिस पर आज समाज के सभी लोग गर्व कर रहे हैं।
संपादकीय…..उत्तराखंड के पहाड़ों से पलायन लगातार जारी है परंतु पलायन की वजह मात्र शिक्षा ही नहीं है, क्योंकि शिक्षा में आज के समय में काफी हद तक सुधार हुआ है, NIU ने आपको भवान इंटर कॉलेज से इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी दिखाई थी। मगर अन्य कई समस्या आज भी मौजूद है, जैसे गांव में सड़क ना होना, समय पर बिजली ना होना, गांव में पानी का ना पहुंचना, जंगली जानवरों का खतरा, रोजगार संबंधी समस्याएं और सबसे बड़ी समस्या जो नजर आती है वह है पहाड़ों में स्वास्थ्य व्यवस्था की। स्वास्थ्य व्यवस्था पहाड़ों में बेहद निचले स्तर पर गिर चुकी है या यूं कहें कि कभी उठी ही नहीं थी, मगर सिर्फ शिक्षा को टारगेट करना और उसको ही पलायन का मुख्य कारण मानने को सरासर गलत साबित किया है इन दोनों बच्चों ने, news India update भी इन दोनों बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करता है और उम्मीद करता है कि भविष्य में यह बच्चे सिर्फ जौनपुर ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करेंगे। न्यूज इंडिया अपडेट के लिए प्रधान संपादक दीप मैठाणी की रिपोर्ट.