
मनमोहन भट्ट, उतरकाशी ✍️
अविभाजित उत्तर प्रदेश में 1947 की आजादी के बाद सन 1952 में पहले विधानसभा के चुनाव हुए और उत्तरकाशी से जयेंद्र सिंह बिष्ट चुनाव जीते और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तब से लेकर वर्तमान 2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम यही दर्शा रहे हैं कि गंगोत्री का मिथक जिस पार्टी का विधायक यहां से चुनकर जाता है, उसी दल की सरकार बनती है। उत्तराखंड प्रदेश के अस्तित्व में आने के बाद भी यदि परिणामों पर दृष्टि डालें तो उत्तराखंड के पहले चुनाव 2002 में हुए तब गंगोत्री से कांग्रेस के प्रत्याशी विजय पाल सिंह सजवान चुनाव जीते और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी,
2007 में भाजपा की प्रत्याशी स्वर्गीय गोपाल सिंह रावत विजय हुए और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी। फिर 2012 में कांग्रेस की सरकार तथा वर्ष 2017 में पुनः भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूर्ण बहुमत से चुनकर आई और सरकार बनी लेकिन जिस प्रकार 2022 के चुनाव में कांग्रेस अपनी बारी को लेकर आश्वस्त थी कि अब हमारी बारी है और कांग्रेस की सरकार बनेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ,

गंगोत्री से भारतीय जनता पार्टी के युवा प्रत्याशी सुरेश सिंह चौहान ने कांग्रेस के सपनों पर पानी फेर दिया भारी मतों के अंतर से अपने विपक्षी जिसे लोग भारी पहाड़ की संज्ञा दे रहे थे को पटखनी देकर के विजय भारतीय जनता पार्टी की झोली में डाल दी। तथा प्रदेश में अदला बदली की परंपरा को भी विराम देकर लगातार एक ही पार्टी की सरकार के मार्ग को भी प्रशस्त कर दिया।
लेकिन इस बार भी पुनः वही सवाल कि आखिर वह कौन सी सरकार बनेगी या किस पार्टी की सरकार को यह श्रेय मिलेगा की जो गंगोत्री सरकार बनाती है तो वहां से जीतने वाले विधायक को भी मंत्री बना कर श्री गंगोत्री को सम्मानित किया जा सके? वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से ही यह उम्मीद है क्योंकि इससे पहले भी वर्षों से अलग उत्तराखंड राज्य की मांग को भी भाजपा ने ही स्वीकार किया था और पृथक उत्तराखंड प्रदेश बनाया था। अब प्रदेश भाजपा को विलंब ना करते हुए गंगोत्री को यह सम्मान देना चाहिए, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अब तक जनपद उत्तरकाशी को जिसके अंतर्गत 3 विधानसभाएं आती हैं, मंत्री पद से सम्मानित नहीं किया गया है ऐसे में यदि इस बार भाजपा सुरेश सिंह चौहान को मंत्री पद देकर सम्मानित करती है तो निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी को आने वाले समय में मां गंगा की असीम शक्ति है उसका लाभ भी मिल सकता है।
जनपद उत्तरकाशी के नवनिर्वाचित तीनों विधायकों में से सुरेश चौहान वरिष्ठ भी हैं तथा राजनीतिक रूप से विभिन्न पदों पर रहने का उनका अनुभव उन्हें इस बार मंत्री बनाए जाने के लिए काफी है। उम्मीद की जा सकती है की भाजपा इस बार गंगोत्री की अनदेखी कतई नहीं करेगी, क्योंकि शास्त्रों में भी स्पष्ट लिखा है__
भगीरथ तप स्थानम तृषु लोकेशु विश्रुतम।
ईदम भूलोक वैकुंठम मीतीः जानि नारद।।