
संवाददाता- मोहन प्रसाद मीणा
भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि को भव्य और दिव्य बनाने के लिए आगामी रणनीति तय करने के लिए वृंदावन में हुई साधू संतो की बैठक ।
भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के जमीनी विवाद को लेकर आज वृंदावन में साधू संतो की एक एहम बैठक हुई, इस बैठक में ब्रज के प्रमुख कई दर्जन साधू संतो ने भाग लिया और इस बैठक का आयोजन श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप के द्वारा किया गया जोकि इस मामले को लेकर कोर्ट के मुख्य वादी के रूप में पैरवी कर रहे हैं ।
यहां पर साधू संतो ने घंटो तक चली बैठक के सर्व समिति से ये फैसला लिया है की आगामी दिनों में अब हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्ष को और मजबूती के साथ सबूतों के आधार पर रखा जाएगा क्योंकि जिस तरह से अब श्री कृष्ण की जन्मस्थली पर जो मस्जिद अवैध रूप से बनाई गई है वो सारी जमीन 13,37 एकड़ श्री कृष्ण जन्मभूमि की है जिसपर पूरा अधिकार श्री कृष्ण जन्म स्थान का ही होना चाहिए|

वहीं 1870 में यहां से जो मूर्तियां निकाली गई और फिर आगरा के जामा मस्जिद में दबाई गई उन्हें भी जल्द से जल्द यहां लाकर स्थापित किया जाना है जिसके लिए हम और बहुत ज्यादा लम्बा इंतजार नहीं कर सकते हैं क्योंकि 75 सालों से जो सरकार मुस्लिमों के लिए कानून बनाकर मंदिर मस्जिद के मामलों को अटकाए रखना चाहती थी और उन्हीं सरकारों के वोट को लेकर कभी राम मंदिर भी नहीं बना मगर अब जब हिंदूवादी सरकार है तो राम मंदिर भी बनकर तैयार हो रहा है और हम चाहते हैं कि कोर्ट जिस तरह से मुस्लिम पक्ष को लेकर चल रहा है तो हम चाहते हैं कि उससे पहले हमारी बात कोर्ट में सुनी जाए इसीलिए हमने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है|

वहीं हम चाहते हैं कि इस मामले के लिए अलग से एक बैंच बने और डे टू डे इसकी सुनवाई हो ताकि जल्द से जल्द 13,37 एकड़ जमीन का पूरा मालिकाना हक श्री कृष्ण जन्मभूमि को मिले जहां पर भव्य और दिव्य भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर बने |