
देहरादून NIU ✍️ उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने मंत्री सुबोध उनियाल का इस्तीफा मांगा है। संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि उत्तराखंड सरकार में मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखंड के लाखों कर्मचारियों को गधे की संज्ञा देकर उनका तो अपमान किया ही है साथ ही प्रदेश के लाखों बेरोजगारों का सपना तोड़ने का भी प्रयास किया है। राम कंडवाल ने कहा कि प्रदेश के बेरोजगारों को ये सरकार नौकरी देना ही नहीं चाहती और अपनों को ही चोर दरवाजे से सेटल करवाया जा रहा है। बेरोजगारों को ये सिर्फ गधा समझते हैं ये तो मंत्री के बयान से साफ झलक गया और इसका आभास उन्हें आने वाले चुनावों में यही बेरोजगार युवा करवाएंगे। प्रदेश के लाखों बेरोजगार दिन-रात मेहनत कर सरकारी नौकरी का सपना देखते हैं और मंत्री कहते दिखते हैं कि सरकारी नौकरी की कोई वैल्यू नहीं है। जबकि उत्तराखंड सरकार ने कितना स्टार्टअप और कितना लोन बेरोजगारों को दे दिया जिससे वो अपना बिजनेस खोल सकें, बेरोजगारों के लिए उत्तराखंड सरकार ने जो लोन की स्कीम खोली है उसमें भी भ्रष्टाचार चरम पर है, और ऐसे में अगर बेरोजगार सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है वो भी इस सरकार से पच नहीं रहा है।
बेरोजगार संघ ने कहा कि अगर सुबोध उनियाल कह रहे हैं कि सरकारी कर्मचारी एक गधा है तो क्यों उन्हें सुधारने का प्रयास नहीं कर पाते, सरकार आपकी है, तंत्र आपका है, लेकिन इन्हें करना कुछ नहीं है बल्कि सिर्फ बेरोजगार और सरकारी कर्मचारियों को गाली देनी है, बेरोजगार संघ ने सुबोध उनियाल का इस्तीफा मांगते हुए उनसे माफी की मांग की है।
बता दें कि देहरादून के एक कार्यक्रम में मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा था कि सरकारी सेक्टर में काम की कोई वैल्यू नहीं है, यहां काम न करने वाले गधे और बहुत अच्छा काम करने वाले लोग, दोनों को तय समय पर प्रमोशन मिल जाता है।