
जनपद उत्तरकाशी मुख्यालय से महज कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित है बौन गांव । इस गांव को विकास की नयी गति देने के लिए सांसद टिहरी गढ़वाल माला राज्यलक्ष्मी शाह ने गोद लिया हुआ है, परंतु ऐसा लगता है कि सासंद साहिबा द्वारा गोद लिए जाने के बाद से विकास होना तो दूर उल्टा इस गांव के हाल बद से बदतर हो चुके हैं। तस्वीरों में जो पुलिया आप देख रहे हैं यह पुलिया साल 2021 में आई अतिवृष्टि के कारण टूट गई थी, गनीमत है कि 1 साल पहले टूटने के बावजूद इस साल हुई अतिवृष्टि के बाद भी यह पुलिया जस की तस टिकी हुई है, परंतु आप साफ़ देख सकते हैं कि यह पुलिया कभी भी किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकती है।

इस पुलिया के टूटने की सूचना व इसका पुन: निर्माण करवाने की गुहार कई बार ग्रामीण लिखित रूप में अधिकारियों से लगा चुके हैं परंतु आज तक इस पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है, ग्रामीण चिंतित है क्योंकि उनके बच्चों को इसी रास्ते से रोजाना स्कूल के लिए आना-जाना करना होता है।

ऐसे में कभी किसी भी अनहोनी होने की सोच भर से ही उनकी रूह कांप उठती है। वहीं इसपर स्थानीय जिला पंचायत सदस्य मनीष राणा का कहना है कि सरकार विकास के खोखले दावे कर रही है, बल्कि धरातल पर हकीकत क्या है वह आप इस रिपोर्ट में देख ही रहे होंगे, जब सांसद के गोद लिए गांव के ये हाल हैं तो बाकी सड़क मार्ग से कटे हुए पहाड़ के दूरस्थ इलाकों में ग्रामीणों का क्या हाल होगा इसका सिर्फ आप अंदाजा ही लगा सकते हैं।

ऐसा लगता है जैसे पहाड़ों में आम जनमानस का जीवन भगवान भरोसे ही चल रहा है, साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जल्द पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो वो ग्रामीणों के साथ जिला मुख्यालय में उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदारी पूर्णता शासन-प्रशासन की होगी।
News India update के लिए उत्तरकाशी से संवाददाता मनमोहन भट्ट की रिपोर्ट ।