
रिपोर्ट- सचिन गुप्ता/ हल्द्वानी
कुमाऊँ के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में मरीजों की विभिन्न प्रकार की जांचो को लेकर एक बार फिर अजीबो गरीब स्थिति बन गई है हालांकि अस्पताल प्रशासन इसको केवल भ्रम फैलाने की बात कह रहा है। दरअसल बताया जा रहा है कि सुशीला तिवारी अस्पताल में होने वाली जांच अब प्राइवेट में जा रही है। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जांचों को प्राइवेट स्तर पर क्यों दिया जा रहा है जबकि सरकार ने हर प्रकार की जांच निशुल्क कराई है ऐसे में सुशीला तिवारी की सेंट्रल लैब का निजीकरण होने की खबरें आ रही हैं कहा यह भी जा रहा है की जांच रिपोर्ट में कई घंटे देरी लग रही है।

वहीं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरुण जोशी का कहना है कि सुशीला तिवारी की सेंट्रल लैब, पैथोलॉजी बायोकेमेस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी में कर्मचारियों का अभाव भी रहा है लेकिन अब तक सभी प्रकार की जांच अस्पताल प्रशासन ही कर रहा है कुछ जांच जो अस्पताल में नहीं होती है उनके लिए यह व्यवस्था सरकार द्वारा निर्धारित की गई है, हालांकि उसमें भी अभी पूरी तरह से स्पष्ट आदेश नहीं आया है की निर्धारित दरों को लेकर क्या व्यवस्था रहेगी।
लेकिन ऐसा नहीं है कि लैब को प्राइवेट हाथों में दिया जा रहा है यह भ्रांतियां फैलाई जा रही है केवल जो जांच अस्पताल में नहीं हो सकती थी उनके लिए सरकार ने अलग से व्यवस्था की है।