
देहरादून, दीप मैठाणी ✍️ NIU
तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म पर अभद्र टिपण्णी की गयी, सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया, कोरोना जैसी बीमारियों से तुलना की गयी, सनातन धर्म को समाप्त करने के एक महा अधिवेशन “सनातन उन्मूलन सम्मेलन” में भाग लिया और सनातन धर्म को समाप्त करने की बात रखी गयी है। उदयनिधि स्टालिन द्वारा की गई इस अभद्र टिपण्णी के खिलाफ लामबंद हुई मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल को भेजा ज्ञापन, साथ ही कहा की सनातन धर्म में हिन्दू जीवन पद्धति सर्वश्रेष्ठ जीवन पद्धति है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत, नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं।
वैदिक काल में भारतीय उपमहाद्वीप में धर्म के लिये एकमात्र सनातन धर्म का ही नाम मिलता है। ‘सनातन’ का अर्थ है – शाश्वत या ‘सदा बना रहने वाला’, अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त। बावजूद इसके उदयनिधि द्वारा की अभद्र टिप्पड़ी एक निंदनीय अपराध है और यह हेट स्पीच के दायरे में भी आता है, जो देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को प्रभावित कर सकता है, सुप्रीम कोर्ट को सुओ मोटो (स्वतः संज्ञान) लेकर कार्यवाही करनी चाहिये।
हमारा देश सभी मतों का सम्मान करने के लिए जाना जाता है। हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है क्योंकि विभिन्न मतों के लोग हमारे देश में रहते हैं ताकि देश एकजुट रह सके।
हमारी संस्था इस पूरे प्रकरण की घोर निन्दा करती है, कड़ी अस्वीकृति और कठोर आलोचना सहित मंत्री की नीतियों का विरोध करती है और आपसे उम्मीद रखते हैं कि जल्द से जल्द राज्य सभा में इस पूरे कथन का निन्दा प्रस्ताव आपके द्वारा लाया जाएगा। इस दौरान मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने मसूरी के स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर पिक्चर पैलेस चौक पर उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।