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एसटीएफ की सतर्कता ने वन आरक्षी परीक्षा में नकल माफियाओं को नाकाम बनाया, षडयंत्र हुआ उजागर, एसटीएफ ने दो अभियुक्तों को धर दबोचा | NIU

एसटीएफ की सतर्कता ने वन आरक्षी परीक्षा में नकल माफियाओं को नाकाम बनाया, षडयंत्र हुआ उजागर, एसटीएफ ने दो अभियुक्तों को धर दबोचा | NIU

देहरादून NIU ✍️ मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा छात्रों के भविष्य से खिलवाड करने वाले नकल माफियाओं पर कठोर कार्यवाही के दिये गये है निर्देश, जिस सम्बन्ध में उत्तराखण्ड राज्य में बनाया गया देश का सबसे सख्त “नकल विरोधी कानून।”

उपरोक्त क्रम में एसटीएफ को गोपनीय सूचना प्राप्त हुई कि कुछ व्यक्तियों द्वारा जनपद हरिद्वार क्षेत्र में रविवार को होने वाली वन आरक्षी परीक्षा में शामिल होने जा रहे परीक्षार्थियों को धनराशि लेकर नकल कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिस पर मुखबिर तन्त्र के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त व्यक्ति एमएस कोचिंग सेन्टर का संचालक मुकेश सैनी है, जो कि पूर्व में भी नकल कराने के जुर्म में कई बार जेल जा चुका है, और एक कुख्यात नकल माफिया है। इस पर एसटीएफ की टीम द्वारा एमएस कोचिंग सेन्टर के संचालक मुकेश सैनी के गुरूकुल नारसन में स्थित कोचिंग सेन्टर पर छापा मारा गया। जहाँ पर मुकेश सैनी व उसके साथी रचित पुण्डीर को गिरफ्तार किया गया।

एसटीएफ की सतर्कता से उपरोक्त षडयन्त्र को विफल* कर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से परीक्षा में नकल कराने हेतु प्रयोग की जाने वाली साम्रगी की बरामदगी एवं जनपद हरिद्वार के थाना मंगलौर में सुसंगत धाराओं में अभियोग दर्ज कराने की कार्यवाही प्रचलित है।

आपको बता दें कि मुकेश सैनी पूर्व में अनेक बार परीक्षाओं में नकल कराने के जुर्म में जेल जा चुका हैं। क्षेत्र में इसको नकल माफिया के नाम से जाना जाता है। नकल करके परीक्षा पास करने के इच्छुक अभ्यर्थी लगातार इसके सम्पर्क में रहते है। फरवरी 2020 में आयोजित वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में इसके द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर बडे पैमाने पर नकल कराई गई थी, परन्तु अभ्यर्थियों के साथ बाद में समझौता कर मुकदमें से बरी हो गया था, जिससे इसके इरादे और मजबूत हो गये।इसने पूर्व की भाँति इस बार भी वन आरक्षी परीक्षा में अपने साथी रचित पुण्डीर के साथ मिलकर नकल कराने की योजना बनाई। इसके लिये उसने लगभग 15 अभ्यर्थियों से लगभग 04 लाख रूपये प्रति अभ्यर्थी के हिसाब से तय किया था, जिसमें अग्रिम धनराशि के रूप में पचास हजार से एक लाख रूपये तक लिये गये तथा कुछ अभ्यर्थियों को परीक्षा में नकल के लिये ब्लुटूथ डिवाईस दे दी गई और उसके प्रयोग तरीका भी बता दिया गया।

रचित पुण्डीर हरिद्वार के एक कालेज में सहायक प्रोफेसर है। पूर्व में भी वन आरक्षी परीक्षा में प्रष्न पत्र मुकेष सैनी को परीक्षा के दौरान भेजने के आरोप में जेल जा चुका है। रचित पुण्डीर ने आगामी वन आरक्षी परीक्षा में परीक्षा केन्द्र पर अपनी कक्ष निरीक्षक के पद पर ड्युटी लगवाने की तैयारी कर ली थी। जहॅा से इसकी योजना परीक्षा के दौरान प्रष्न पत्र को व्हाट्सअप व अन्य माध्यम से मुकेष सैनी को भेजने की थी। मुकेश सैनी द्वारा इस प्रष्न पत्र को अपने साथियो के साथ मिलकर हल किया जाता एवं छात्रों को दी गई डिवाईस पर काँल करके उत्तर बताये जाते।

गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान

प्रकाश में आये अभ्यर्थी

अन्य अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है।

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