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बिग ब्रेकिंग :कोर्ट ने दिया अहम् आदेश, पढ़िए पूरा मामला, कैसे एक अफसर भिड़ गया सरकार से, हाईकोर्ट से मिली जीत, सरकार का फैसला हुआ असंविधानिक घोषित |NIU

बिग ब्रेकिंग :कोर्ट ने दिया अहम् आदेश, पढ़िए पूरा मामला, कैसे एक अफसर भिड़ गया सरकार से, हाईकोर्ट से मिली जीत, सरकार का फैसला हुआ असंविधानिक घोषित |NIU

देहरादून NIU ✍️ नैनीताल हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आई.एफ.एस.राजीव भरतरी को लेकर बड़ा आदेश दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि मंगलवार सुबह दस बजे तक आई.एफ.एस. राजीव को दोबारा चार्ज दिया जाए। उन्हें पी.सी.सी.एफ. (हॉफ) की कुर्सी पर पर दुबारा तैनाती देने के निर्देश दिए गए है।

बीते 25 नवंबर को उत्तराखंड सरकार ने एक आदेश पारित किया था। इसमें उत्तराखंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में प्रमुख मुख्य वन संरक्षक के पद पर कार्यरत राजीव भरतरी का तबादल किया गया था। राजीव को जैव विविधता बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। वहीं, विनोद सिंघल को नए पीसीसीएफ के तौर पर नियुक्त किया गया। राजीव भरतरी ने सरकार के आदेश के खिलाफ एक याचिका दायर की थी जिसमें ट्रांसफर जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर किया गया था। सरकार ने फैसले को राजीव भरतरी ने संविधान के खिलाफ बताया था। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को झटका दिया है। राजीव को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल (कैट) से भी बड़ी राहत मिल चुकी है।

आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़े निर्देश देते हुए वरिष्ठ आई.एफ.एस.राजीव भरतरी को मंगलवार सुबह दस बजे तक पी.सी.सी. एफ. (हॉफ) की कुर्सी पर दोबारा चार्ज देने को कहा है। राज्य में पीसीसीएफ वन विभाग का प्रमुख होता है इनका चुनाव राज्य के मंत्रीमंडल द्वारा किया जाता है। यह पद पुलिस विभाग के प्रमुख के बराबर होता है। राजीव भरतरी 1986 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं। इससे पहले वे जैव विविधता बोर्ड के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। एक जनवरी 2021 को प्रमोशन के बाद उन्हें पीसीसीएफ बनाया गया था तभी से वे इस पद पर कार्य कर रहे थे।

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