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मथुरा तंबू में रहने को मजबूर बाढ़ पीड़ित, शासन और प्रशासन से नहीं मिल रही मदद| NIU

मथुरा तंबू में रहने को मजबूर बाढ़ पीड़ित, शासन और प्रशासन से नहीं मिल रही मदद| NIU


संवाददाता- मोहन प्रसाद मीणा

मथुरा में लगातार यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है हालात बेकाबू होने लगे हैं। यमुना जी के आस- पास सभी अवैध कालोनियां पानी की चपेट में आ गई हैं तो वहीं घरों में 3 से चार फिट तक पानी भर गया है। यहाँ अब लोग घरों से बाहर निकल कर सड़क किनारे तंबू बनाकर रहने लगे हैं। बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि व्यवस्था को लेकर प्रशासन तमाम वादे कर रहा है लेकिन पीड़ितों को कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है।

बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि पहले तो जब 2010 में बाढ़ आई थी तो नगर निगम द्वारा नाव भी फ्री में चलाई गई थी, लेकिन अब यहां के नाविक लोगों से लाने और ले जाने के ₹20 ले रहे हैं। साथ ही प्रशासन द्वारा रहने और खाने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है, लोग अपना स्वयं का तंबू बनाकर ही सड़क किनारे रहने को मजबूर हैं। जबकि मथुरा में प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के लिए जगह-जगह राहत शिविर और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी तामाम वादे कर रहा है लेकिन बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि यहां सड़क किनारे रह रहे लोगों के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं ऊपर से भीषण गर्मी को लेकर भी जहां लोगों का बुरा हाल है।

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