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नहीं रहे “झब्बू भाई” इन पार्षद की मौत पर उमड़ा जनसैलाब, याद आए उनके किस्से और बेमिसाल सेवा भाव । NIU

नहीं रहे “झब्बू भाई” इन पार्षद की मौत पर उमड़ा जनसैलाब, याद आए उनके किस्से और बेमिसाल सेवा भाव । NIU

देहरादून NIU✍️ बालावाला क्षेत्र के लोकप्रिय समाजसेवी और नगर निगम देहरादून के पूर्व पार्षद नरेंद्र सिंह बिष्ट उर्फ झब्बू का कैंसर की लंबी बीमारी से निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। गुरुवार सुबह जैसे ही लोगों को यह दुःखद सूचना मिली, उनके आवास पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि देने और झब्बू भाई के साथ बिताए पलों को याद करने पहुंचा।

झब्बू भाई अपने जीवन में हर दिल अज़ीज़ रहे। सेना से लेकर पार्षद बनने तक का उनका सफर लोगों की सेवा और भाईचारे से भरा हुआ था। उन्होंने वर्ष 1991 से 1997 तक भारतीय सेना में सेवा दी और इसके बाद समाज की सेवा का संकल्प लेकर नगर निगम राजनीति में आए। पार्षद रहते हुए उन्होंने कभी यह नहीं देखा कि कौन सा काम उनकी सीमा में है और कौन सा बाहर, जो भी व्यक्ति मदद लेकर पहुंचता, वे तुरंत आगे बढ़कर उसका कार्य करवाते।

उनके जीवन के कई ऐसे प्रसंग हैं, जिन्हें लोग आज भी भावुक होकर याद करते हैं। जब भी किसी मोहल्ले में बिजली विभाग का कर्मचारी देर से पहुंचता, तो वे स्वयं अपनी फोल्डिंग सीढ़ी लेकर खंभे पर चढ़ जाते और स्ट्रीट लाइट ठीक कर देते। उनकी यही सादगी और सेवा भाव उन्हें आम जनमानस का ‘झब्बू भाई’ बनाता था।

लोगों का कहना है कि झब्बू भाई का हंसता-मुस्कुराता चेहरा और निःस्वार्थ समाज सेवा उन्हें हमेशा याद दिलाती रहेगी। उनकी लोकप्रियता इस बात से झलकती है कि उनके निधन के बाद क्षेत्रभर से हजारों लोग उमड़े और आंखों में आंसू लिए उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।

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