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आपदा को अवसर में बदल रहे कुछ कथित एनजीओ, मुख्यमंत्री राहत कोष जैसे अधिकृत प्लेटफॉर्म्स पर ही करें दान । NIU

आपदा को अवसर में बदल रहे कुछ कथित एनजीओ, मुख्यमंत्री राहत कोष जैसे अधिकृत प्लेटफॉर्म्स पर ही करें दान । NIU

दीप मैठाणी NIU ✍️ जहां एक तरफ धरातल पर धराली आपदा के बाद राहत-बचाव कार्यों में शासन प्रशासन तमाम राहत बचाव एजेंसियां के साथ जुटा हुआ हैं वहीं सोशल मीडिया पर कुछ तथाकथित एनजीओ इस आपदा को अवसर में बदलते हुए आपदा के मार्मिक विडियोज दिखाकर धन एकत्रित करने का काम कर रहे हैं। ऐसा ही दिल्ली से संचालित होने वाला भारत डिजास्टर रिलीफ फोर्स “BDRF” प्रकाश में आया है ये कथित राहत फोर्स धराली आपदा के नाम पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चंदा इकट्ठा करने का काम कर रहा है इसके अलावा कई कथित एनजीओ और स्वयंसेवी समूह सोशल मीडिया व अन्य मंचों पर ‘आपदा की रील’ या वीडियो दिखाकर चंदा मांगने की गतिविधियां तेजी से चला रहें हैं। ऐसे समय में संवेदनशीलता और जागरूकता दोनों की जरूरत है, ताकि आपदा में मदद की आड़ में फर्जीवाड़ा न हो और पीड़ितों को सही सहायता पहुंचे।

ऐसे ठगों से सावधान रहें…

आपदा को अवसर में बदल रहे कथित एनजीओ
धराली व आसपास के क्षेत्रों में हुई प्राकृतिक आपदा का असर और तबाही के दृश्य मीडिया तथा सोशल मीडिया पर वायरल हैं। अनेक एनजीओ और स्वयंसेवी खाते वॉयरल रील या तस्वीरें साझा कर पीड़ितों की मदद के नाम पर दान या चंदा मांगते दिख जा रहें हैं।

कई बार ये कथित संगठन सिर्फ आपदा स्थल की तस्वीरें, वीडियो या पीड़ितों के भावनात्मक बयान का इस्तेमाल कर जनमानस से संवेदना अर्जित करके पैसा एकत्र करते हैं। इन धनराशियों का सही इस्तेमाल न होकर निजी स्वार्थ के लिए दुरुपयोग भी होता है।

शासन-प्रशासन कई बार ऐसे एनजीओ के खिलाफ सख्त हिदायतें व आरोप-प्रत्यारोप लगाता है और जनता को अलर्ट करता है कि फर्जीवाड़े से बचें।

बीते तीन दिनों में ही कई संगठनों ने सोशल मीडिया पर भ्रामक/अशोभनीय व् Ai जनरेटेड फोटो/ वीडियो/गतिविधियों और टिप्पणियों के खिलाफ प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।

पिछले तीन दिनों की संक्षिप्त रिपोर्ट…


हिदायत केवल सरकारी कोष में ही दें सहायता


आपदा पीड़ितों की वास्तविक मदद सरकारी कोष के माध्यम से ही सुनिश्चित हो सकती है, जहां पारदर्शिता और जवाबदेही होती है। केंद्र व राज्य सरकारें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) व् मुख्यमंत्री राहत कोष जैसे अधिकृत प्लेटफॉर्म्स पर ही दान या सहायता अपील करती हैं।

इन कोषों में दान की गई राशि का इस्तेमाल आपदा ग्रस्त लोगों तक सीधी राहत सहायता पहुंचाने, पुनर्वास, चिकित्सा के लिए किया जाता है, और इनकी निगरानी प्रशासनिक स्तर पर होती है।

प्रधानमंत्री राहत कोष में दान पर आयकर अधिनियम की धारा 80G के तहत 100% टैक्स छूट भी मिलती है।

सतर्कता एवं जिम्मेदार नागरिकता जरूरी


आपदा की रिकवरी में आमजन की भूमिका बड़ी है इसलिए हर किसी को चंदा देेने से पहले उसकी पारदर्शिता, पंजीकरण, कार्य का ट्रैक रिकॉर्ड और प्रशासन की अनुमति का अवलोकन कर लेना चाहिए।

सोशल मीडिया या अनजान एनजीओ की भावनात्मक अपील के बजाय सरकारी पोर्टल या अधिकृत संस्थानों को ही दान करें।

शासन बार-बार जनता को जागरूक करता है कि असत्यापित माध्यमों से दान न करें जिससे फर्जीवाड़े की संभावना न रहे और सहायता सही हाथों तक पहुंचे।

वहीं इस तरह सोशल मीडिया पर भावनात्मक वीडियो व फोटोस डालकर चंदा मांग रहे लोगों पर उत्तराखंड पुलिस को सख्त से सख्त कार्यवाही किए जाने की जरूरत है।।

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