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1967 तक वन इलेक्शन से शासन करने वाली कांग्रेस को अब आपत्ति क्यों?, भाजपा “एक देश एक चुनाव” पर देशवासियों को एक करके रहेगी: खजान दास | NIU

1967 तक वन इलेक्शन से शासन करने वाली कांग्रेस को अब आपत्ति क्यों?, भाजपा “एक देश एक चुनाव” पर देशवासियों को एक करके रहेगी: खजान दास | NIU

देहरादून NIU भाजपा ने कांग्रेस नेताओं द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन के विरोध को उनकी नकारात्मक राजनीति का हिस्सा बताया है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता पूर्व मंत्री राजपुर विधायक श्री खजान दास ने पलटवार किया कि 1967 तक जिस पार्टी के शासन में देशभर में एकसाथ चुनाव हुए, वही अब इसे असंभव बता रहे हैं । साथ ही तंज किया कि संविधान संशोधन के लिए बहुमत की चिंता न करें क्योंकि देश में राजनीति पर राष्ट्रहित को तरजीह देने वाले अनेकों दल हैं ।

उन्होंने कहा, आजादी के बाद 1952, 57, 62, 67 में लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हुए थे। तब देश में कांग्रेस का एकछत्र शासन था, लेकिन तब किसी को कोई दिक्कत नही हुई । अब प्रधानमंत्री मोदी देश को पुनः एक देश एक चुनाव के माध्यम से जोड़ना चाहते हैं तो कांग्रेस पार्टी को सबसे अधिक दिक्कत है । कांग्रेस जिसे अब संविधान विरोधी बता रही है उसको कांग्रेस ने अपने शासन में लागू किया। इस नीति को तोड़ने वाली भी कांग्रेस पार्टी है, जिसने लगातार एक के बाद एक राज्यों की निर्वाचित सरकारों को बर्खास्त किया। जिसके चलते अनेक राज्यों में मध्यावधि चुनाव कराने की नौबत आई और एक देश एक चुनाव की परंपरा समाप्त हो गई है। ‘one country one election’

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इस मुद्दे पर कांग्रेस का यह रुख स्पष्ट करता है कि वह देश के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने के पक्ष में नहीं है । कांग्रेस को एहसास है कि संगठनविहीन एवं विचारहीन संगठन के दम वे एकसाथ देश में चुनाव का सामना नहीं कर सकते हैं। यही वजह है कि वे इस मुद्दे पर अपने लाभ की कीमत पर देश का नुकसान करने की नीति पर अमल कर रही है । कांग्रेस के नेता जिस मध्यावधि चुनाव की स्थिति का जिक्र कर रहे हैं तो इसको लेकर अवश्य इस नीति में विचार किया गया है। और आगे इसे संसद के पटल पर इस प्रस्ताव को रखा जाएगा जिसमें वह अपने सुझाव दे सकते हैं। लिहाजा विरोध करने के बजाय कांग्रेस को अपने सुझावों के साथ सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए।

उन्होंने एनडीए के पास संविधान संशोधन के लिए आवश्यक 362 के आंकड़ों को लेकर उठाए सवालों का जवाब देते हुए का कहा, कांग्रेस बेशक अपने हित के लिए इस मुद्दे पर राष्ट्रहित को पीछे रख सकती है । लेकिन देश में एनडीए के अतिरिक्त अनेकों राजनीतिक दल है जिनके लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है। लिहाजा देश का समय और पैसे बचाकर विकास की रफ्तार तेज करने के लिए, भाजपा इस मुद्दे पर देश को एक करके रहेगी । कांग्रेस को भ्रम और संशय फैलाने के बजाय इस विषय पर अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए ।

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