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जनजातीय सांस्कृतिक उत्सव ‘आदि गौरव महोत्सव 2023’ की धूम, भारत के जनजातीय समुदायों का जीवंत और विविध सांस्कृतिक सार। NIU

जनजातीय सांस्कृतिक उत्सव ‘आदि गौरव महोत्सव 2023’ की धूम, भारत के जनजातीय समुदायों का जीवंत और विविध सांस्कृतिक सार। NIU

देहरादून NIU✍️ भारत के जनजातीय समुदायों का जीवंत और विविध सांस्कृतिक सार परेड ग्राउंड में शुरू हुए जनजातीय सांस्कृतिक उत्सव ‘आदि गौरव महोत्सव 2023’ में देखने को मिला। जनजातीय अनुसंधान संस्थान (टीआरआई) उत्तराखंड द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि राजपुर रोड विधायक खजान दास और विशिष्ट अतिथि देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा द्वारा किया गया।

दर्शकों को संबोधित करते हुए, विधायक खजान दास ने कहा, “आदि गौरव महोत्सव हमारे आदिवासी समुदायों की समृद्ध और विविध संस्कृतियों का एक खजाना है। यह प्रदर्शनी जनजातीय परंपराओं की सुंदरता और गहराई के बारे में जान्ने के लिए एक अवसर के साथ-साथ हमारी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक पहल है। हमारी जनजातीय विरासत की जीवंत भावना को प्रदर्शित होते देखना खुशी की बात है और मुझे उम्मीद है कि यह कार्यक्रम आने वाली पीढ़ियों के लिए गौरव और प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।”

इस अवसर पर बोलते हुए, मेयर गामा ने कहा, “आदि गौरव महोत्सव 2023 हमारी देवभूमि उत्तराखंड की विभिन्न जनजातियों के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए जनजातीय अनुसंधान संस्थान, उत्तराखंड द्वारा एक सराहनीय पहल है। मैं यहाँ मौजूद सभी कलाकारों और प्रदर्शकों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।” तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन जनजातीय गौरव दिवस के शुभ अवसर और जनजातीय गुरु बिरसा मुंडा के जन्मोत्सव मनाने के लिए किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से रात 10 बजे तक जनता के लिए खुलेगी, जिसमें जनजातीय संस्कृति और हस्तशिल्प का समृद्ध प्रदर्शन होगा। शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक विभिन्न आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे।

उद्घाटन के दिन की शुरुआत ईएमआरएस, महाराणा प्रताप जनजातीय आईटीआई खटीमा और राज्य के अन्य जनजातीय संस्थानों के प्रतिभागियों द्वारा गांधी पार्क से परेड ग्राउंड तक आयोजित पदयात्रा के रूप में जनजातीय संस्कृति के जीवंत प्रदर्शन के साथ हुई। प्रदर्शनी के दौरान लगाए गए विभिन्न स्टॉलों पर प्रदेश भर से आगंतुकों की भीड़ देखी गयी, जिन्होंने आदिवासी विरासत का खूब लुत्फ़ उठाया।

इस अवसर पर उत्तराखंड के आदिवासी सांस्कृतिक समूहों – जौनसारी, भोटिया, बुक्सा, थारू और राजी ने शाम को मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन किया। दिन का मुख्य आकर्षण उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक किशन महिपाल द्वारा आयोजित एक भावपूर्ण संगीतमय शाम रही, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आदि गौरव महोत्सव 2023 के बारे में बोलते हुए, टीआरआई उत्तराखंड के निदेशक, एसएस टोलिया ने कहा, “यह प्रदर्शनी न केवल आदिवासी कला और शिल्प का प्रदर्शन है बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का उत्सव भी है।

यह कार्यक्रम जनजातीय समुदायों को अपनी परंपराओं और विरासत को दुनिया के साथ साझा करने के लिए एक मंच के रूप में उभरेगा।”प्रदर्शनी के दौरान टीआरआई उत्तराखंड के समन्वयक, राजीव कुमार सोलंकी, टीआरआई उत्तराखंड के अतिरिक्त निदेशक, योगेन्द्र रावत, और समाज कल्याण सचिव, उत्तराखंड, बीके संत सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

17 नवंबर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में प्रतिष्ठित लोक गायक ‘गढ़ रतन’ नरेंद्र सिंह नेगी, लोक गायिका माया उपाध्याय और जौनसारी गायिका रेशमा शाह सहित राज्य भर से कई प्रसिद्ध कलाकार शामिल होंगे, जो आदि गौरव महोत्सव 2023 की सांस्कृतिक भव्यता को बढ़ावा देंगे।

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