Site icon News India Update

एक युग का अंत, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चिंद्रिया लाल जी का हुआ निधन । NIU

एक युग का अंत, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चिंद्रिया लाल जी का हुआ निधन । NIU

मनमोहन भट्ट, ब्रहमखाल/उत्तरकाशी✍️

सुबह सुबह दुःखद खबर उत्तरकाशी से है जहां पर जनपद के एकलौते वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चिंद्रिया लाल ने बुधवार देर सायं 96 वर्ष की उम्र में बंदरकोट में आखरी सांस ली। खबर मिलते ही जनपद में शोक की लहर छा गई। उक्त जानकारी देते हुए चिंद्रीया लाल के नाती जय प्रकाश ने बताया कि उनके दादाजी पिछले काफी समय से बीमार थे और देहरादून के दून अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें 25 दिसंबर को बंदरकोट में चाचा चिरंजी राय के घर ले आए थे जहा कल शाम अचानक 5: 5 मिनट पर उनकी मृत्यु हो गई आपको बता दें कि उत्तरकाशी जनपद के डुंडा ब्लांक के जुणगा गांव निवासी चिन्द्रियालाल का जन्म जुलाई 1927 को हुआ। कक्षा चार तक पढ़े चिन्द्रियालाल राजशाही के खिलाफ प्रजातंत्र के आंदोलन में 1944 में शामिल हुए। उसी दौरान श्रीदेव सुमन की टिहरी जेल में मौत हुई थी। उसी दौरान चिन्द्रिया लाल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नत्था सिंह कश्यप, राम चन्द्र उनियाल, परिपूर्णानंद पैन्यूली, त्रेपन सिंह नेगी के सम्पर्क में आये। प्रजातंत्र के आंदोलन का संदेश चम्बा कद्दू खाल से लाते समय धरासू के पास राजशाही की हकूमत ने उन्हें पकड़ कर गिरफ्तार किया। यही नहीं चिन्द्रिया लाल के घर और जमीन की कुर्की की थी। लेकिन, चिन्द्रिया लाल ने उसके बाद भी हार नहीं मानी और राजशाही का तख्तापलट तक आंदोलन से जुड़े रहे।इधर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चिंद्रिया के मौत पर गंगोत्री के विधायक सुरेश चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण, पूर्व विधायक विजय पाल सजवाण, डीएम अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी आदि ने गहरा दुःख जताया है। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी जनपद के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, महान गांधी विचारक चिन्द्रिया लाल जी के निधन का दुःखद समाचार सुना जो अत्यंत दुःखद है। वयोवृद्ध स्वतंत्रता सैनानी के जाने से समूचे उत्तरकाशी को बहुत बड़ी क्षति हुई है। इस दुःखद क्षण में मेरी संवेदनाये उनके परिवार के साथ है, उनके पारिवारिक सदस्यों व कुटुम्बीजनों को में अपनी शोक संवेदनाएं संप्रेषित करता है।

Exit mobile version