
दीप मैठाणी ✍️NIU देहरादून आखिरकार राजनीतिक विरोधियों के द्वारा किया गया राजनीतिक खेल बड़कोट नगर पालिका में सफल होता हुआ फिलहाल दिखाई दे रहा है।
बीती 26 मार्च से टिहरी जेल में बंद नगरपालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष बड़कोट विनोद डोभाल (कुतरू भाई) की जमानत याचिका जिला न्यायालय उत्तरकाशी से खारिज हो गई है, उन्हें अभी हालातों का सामना करते हुए कुछ और दिन जेल में बितानें होंगे।
यहां मालूम हो कि जिला जज उत्तरकाशी के समक्ष तीन मार्च को आंशिक सुनवाई की गई थी, वहीं मंगलवार को दोपहर बाद बचाओ पक्ष की तमाम दलीलें न्यायालय के सामने पेश की गई,
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अभय सिंह ने बचाओ पक्ष की ओर से तमाम दलीलों को खारिज करते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी है।
गौरतलब है कि जिला जज गुरूबखश सिंह सोमवार ही नैनीताल किसी कार्यक्रम के लिए चले गये थे, बेल का प्रभार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उत्तरकाशी अभय सिंह के पास था,
सूत्रों ने बताया कि कार्यक्रम में गए हुए जज साहब इस कार्यक्रम के बाद यानी कि दिनांक 7 तारीख से आगामी 14 दिनों तक छुट्टी पर हैं, आखिर क्यों? क्या इसमें साफ और सीधे तौर पर राजनीतिक हस्तक्षेप नजर नहीं आ रहा है? बड़कोट नगर पालिका में सत्ता भले ही भाजपा के पक्ष में ना हो परंतु प्रदेश में सत्ताधारी दल के नेता अपना काम डंके की चोट पर करवा रहें हैं और एक निर्दलीय को जो कि अपने दम पर चुनाव लड़कर पालिका अध्यक्ष बना हो उसे प्रताड़ित करने का काम खुलेआम कर रहें हैं,
प्रतीत यह भी हो रहा है कि निजी रंजिश के चलते ये घटनाक्रम घटित किया गया है जिसके लिए पूरी प्लानिंग के तहत काम किया गया है, सूत्रों की माने तो इसमें भाजपा का प्रदेश मीडिया प्रभारी पूर्ण रूप से शामिल है!
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई कि पूरे घटनाक्रम की CcTv वीडियो फुटेज उपलब्ध है, मगर वह वीडियो फुटेज कहां है? उसका पता अभी तक किसी को नहीं लग पाया, ना ही पुलिस प्रशासन द्वारा उसे वीडियो फुटेज को जारी किया गया है।
वहीं सामाजिक संगठन चलाने वाले सुराज सेवा दल के नेता रमेश जोशी ने भी इस पर नवनिर्वाचित पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल यानी की “कुतरु भाई” का खुलकर समर्थन किया है उन्होंने एक निजी चैनल को दिए गए अपने साक्षात्कार में सरकार से डंके की चोट पर पूछा है “कि क्या इस इलाके में अकेला खनन व्यवसाय चलाने वाला सिर्फ विनोद डोभाल है? और क्या सिर्फ उसके ही अवैध खनन पर कार्यवाही की जाएगी?” बाकियों पर क्या पुलिस प्रशासन व राजस्व अधिकारियों को कार्यवाही करने में को सांप सूंघ जाता है?
मंगलवार को दोपहर 2:30 बजे तक बचाव पक्ष की तमाम दलीलों को सुनने के बाद फैसला देर शाम तक लटकाए रखा गया, जिससे यह पूर्णत साबित हो रहा है कि अब बड़कोट के निर्दलीय पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल यानी की कुतरू भाई के खिलाफ शाजिशन कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा है।
ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर कैसे एक जज को पहले तो प्रशिक्षण के नाम पर जिले से बाहर भेज दिया गया, और फिर वहीं से उनकी छुट्टी अप्रूव कर उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया? आखिर किसके आदेश पर इन सब कृत्यों को अंजाम दिया जा रहा है? ऐसे में सत्ता का दुरुपयोग और न्यायपालिका को अपने हाथों की कठपुतली बना दिए जाने का गंभीर मामला भी तूल पकड़ रहा है।
यहां पाठकों को यह भी बता दें कि विनोद डोभाल के बड़े भाई वर्तमान विधायक “संजय डोभाल” भी जनता की संवेदनाओं के चलते विधायक बने थे और बीजेपी कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दलों को हराकर निर्दलीय विधायक पद पर कब्जा जमाया था, ऐसे में अब जनता विनोद डोभाल के साथ भी अमानवीय कार्यवाही होने के चलते अपनी संवेदना व्यक्त कर रही है,
वहीं राजनीतिक ऊंट क्या करवट लेगा यह तो वक्त बताएगा लेकिन तब तक नवनिर्वाचित पालिकाध्यक्ष अध्यक्ष विनोद डोभाल “कुतरू भाई” की जमानत को लेकर हाईकोर्ट नैनीताल पर आश टीकी हुई है।।
यहां अवगत करा दें की न्यूज़ इंडिया अपडेट की टीम “बड़कोट फाइल्स” प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और जल्द ही उसको भी तमाम नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के बयानों सहित प्रस्तुत करेगी…