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सर्दियों में मूली खाने के फायदे कई, लेकिन इन चीज़ों के साथ बिल्कुल न करें सेवन, बढ़ सकती हैं पाचन समस्याएं

सर्दियों में मूली खाने के फायदे कई, लेकिन इन चीज़ों के साथ बिल्कुल न करें सेवन, बढ़ सकती हैं पाचन समस्याएं

सर्दियों में मूली का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। फाइबर, विटामिन–C और कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण यह पाचन को दुरुस्त रखने और वजन नियंत्रित करने में मदद करती है। हालांकि, गलत खाद्य संयोजन मूली के लाभ को कम कर सकता है और पेट संबंधी समस्याएं बढ़ा सकता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि किन चीज़ों का सेवन मूली के साथ बिल्कुल नहीं करना चाहिए, ताकि इसका फायदा शरीर को सही तरीके से मिल सके।

कई लोग अनजाने में ऐसे कॉम्बिनेशन अपना लेते हैं, जो पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं और एसिडिटी, कब्ज व बदहजमी जैसी दिक्कतें पैदा कर सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार मूली की प्रकृति कुछ खाद्य पदार्थों से मेल नहीं खाती, इसलिए सावधानी जरूरी है।

1. चाय

मूली खाने के तुरंत बाद दूध वाली चाय पीना नुकसानदायक हो सकता है। मूली और चाय दोनों की प्रकृति अलग-अलग होती है। चाय में मौजूद कैफीन और एसिड मूली के साथ मिलकर पाचन को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए मूली खाने के बाद चाय का सेवन अवॉयड करें।

2. खीरा

अक्सर लोग सलाद में मूली और खीरा साथ लेते हैं, लेकिन यह कॉम्बिनेशन सही नहीं माना जाता। खीरे में मौजूद एस्कॉर्बेट एंजाइम मूली के विटामिन–C को टूटने में बदल देता है। यानी दोनों को साथ खाने पर शरीर को विटामिन–C का लाभ नहीं मिलता और बदहजमी की समस्या हो सकती है। खासकर वजन कम करने वाले लोग इस गलती को बार-बार दोहराते हैं।

3. संतरा

मूली और संतरा का मेल भी पाचन के लिए अच्छा नहीं है। दोनों को साथ खाने से तुरंत पेट दर्द, भारीपन और बदहजमी की शिकायत हो सकती है। लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए भी मूली का अत्यधिक सेवन उपयुक्त नहीं माना जाता, क्योंकि यह रक्तचाप को और कम कर सकता है।

कैसे रखें सावधानी?

यदि आप इन चीज़ों का सेवन करते हैं, तो हमेशा ध्यान रखें कि मूली और इनके बीच कम से कम 2 से 3 घंटे का अंतराल जरूर हो। भोजन को उसकी प्रकृति के अनुसार लेने से पाचन तंत्र पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता और शरीर को पोषक तत्वों का पूरा लाभ मिलता है।

नोट: यह लेख विभिन्न मेडिकल और शोध रिपोर्टों से प्राप्त जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

(साभार)

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