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सड़क मार्ग की समस्या से आज भी जूझ रहे हैं नाला गांव के ग्रामीण, स्वीकृति मिलने के बाद 10 सालों में भी नहीं बनी सड़क ।

सड़क मार्ग की समस्या से आज भी जूझ रहे हैं नाला गांव के ग्रामीण, स्वीकृति मिलने के बाद 10 सालों में भी नहीं बनी सड़क ।

यमुनोत्री विधानसभा का एक गांव ऐसा भी है जो आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं यहां तक कि इस गांव में पिछले दस सालों से विधायक निधि तथा जिला पंचायत से अभी तक पॉच हजार रुपए की योजना भी गांव के विकास कार्यों में नहीं लगाई गई है। यमुनोत्री विधानसभा में पिछले दस सालों से हुई दल-बदल की राजनीति में इस गांव का विकास थम सा गया। लेकिन यहां के ग्रामीणों ने भी इस बार विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर करारा जवाब देने का मन बना लिया है।

जी हां आज हम बात कर रहे हैं उत्तरकाशी जिले में भण्डारस्यूं पट्टी के नाला गांव की! जहां पर न तो सड़क सुविधा है ना ही मोबाइल नेटवर्क सुविधा है और पेयजल लाईन के नलके भी सूखे पड़े हुए हैं लेकिन इस गांव की कोई सुध लेने वाला नहीं है।
आपको बता दें कि नाला गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने की 7 किमी० की स्वीकृति सन् 2010 में मिल गई थी जिसमें 4 किमी० का निर्माण कार्य सरतली गांव तक पूरा हुआ लेकिन बाकी का 3 किमी० का सड़क निर्माण कार्य निकम्मे अधिकारियों व भ्रष्ट नेताओं की वजह से पिछले दस सालों में में भी नहीं हो पाया। सड़क मार्ग न होने पर यहां के ग्रामीण बीमार व्यक्ति या प्रसुता महिलाओं को कुर्सी के सहारे या कंधों पर उठाकर आज भी मुख्य सड़क पहुंचाने को मजबूर हैं। यही हाल यहां पर नेटवर्क सुविधा का है नेटवर्क का असर सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों पर पड़ रहा है जो विद्यालय बंद होने पर अपनी ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं।और बच्चों का भविष्य भी अंधकार में डूबता जा रहा है।

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